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Coronavirus: मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, देशसेवा में लगाएं हज का पैसा

एक महिला खालिदा बेगम ने हज यात्रा के लिए जुटाए पांच लाख रुपये सेवा कार्य के लिए सेवा भारती को दान किए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 10:55 AM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 10:55 AM (IST)
Coronavirus: मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, देशसेवा में लगाएं हज का पैसा

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जारी भारत की जंग के बीच मुस्लिम धर्मगुरुओं और समाजसेवियों ने सुखद पहल की है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से आह्वान किया है कि वे हज के लिए जुटाए धन को देश सेवा में लगाएं। उनके मुताबिक यह सही अर्थो में देश और समाज की सेवा होगी और इससे पवित्र यात्रा हज से कहीं ज्यादा सवाब मिलेगा। इस मामले में जम्मू-कश्मीर की एक महिला खालिदा बेगम ने नजीर पेश की है। उन्होंने हज यात्रा के लिए जुटाए पांच लाख रुपये सेवा कार्य के लिए सेवा भारती को दान किए हैं।

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वैसे कोरोना के कारण हज यात्रा पर संकट के बादल हैं। सऊदी अरब खुद कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है और उसने इससे बचने के लिए अपने देश में कर्फ्यू लगा दिया है। ऐसे में उम्मीद कम ही है कि इस वर्ष हज यात्र हो पाएगी। मुस्लिम समुदाय में पवित्र यात्रा हज को फर्ज माना गया है। हर किसी की ख्वाहिश होती है कि वह जीवन में कम से कम एक बार हज यात्र करे। इस वर्ष भी हज यात्रा के लिए जरूरी औपचारिकताएं चल रही हैं। पिछले वर्ष तकरीबन दो लाख भारतीयों ने हज यात्रा की थी।

हज यात्रा का महत्व

हज एक पवित्र तीर्थ यात्रा है, जो सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का के लिए होती है। यह इस्लाम के पांच मूल फर्ज में से एक है, जिसे अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पूरा करना होता है।

क्या कहते हैं धर्मगुरू

शिया जामा मस्जिद के शाही इमाम मोहसिन तकवी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की बुजुर्ग महिला ने हज के लिए रखा पैसा दान कर मिसाल कायम की है। हज पर जाकर जितना उन्हें सवाब नहीं मिलता, उससे अधिक लोगों की सेवा से मिलेगा। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे इस पुण्य कार्य के लिए आगे आएं।

ऑल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी ने अनुसार, धर्म यहीं बताता है कि हम लोगों के काम आएं। भूखे को खाना खिलाने से बड़ा सवाब कोई नहीं है। यह हज से भी अधिक का मामला है। सरकार अपने स्तर पर महामारी से लड़ रही है। हमारा भी फर्ज है कि हम आगे आएं। इससे बड़ा जीवन में कोई दूसरा पुण्य नहीं है।

इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी का कहना है कि यह संकट का समय है। इसी में लोगों की आजमाइश होती है कि वह देश व समाज के लिए आगे आएं। जम्मू-कश्मीर की महिला ने हज का पैसा दान कर मिसाल पेश की है। हमें भी आगे आना होगा। मुल्क और लोगों की सलामती के लिए जितना बन सकता है वह करें।


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