Coronavirus: पूर्वी निगम के स्कूलों में छात्रों के लिए चलाई जा रही वाट्सएप क्लास
Coronavirus बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने वाट्सएप क्लास की शुरुआत की है।
नई दिल्ली [सुधीर कुमार]। लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने वाट्सएप क्लास की शुरुआत की है। सभी स्कूलों में हर सेक्शन के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं जिसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को होम वर्क दे रहे हैं साथ ही उनसे तरह-तरह की गतिविधियां करवा रहे हैं। जिससे कि बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो।
आम तौर पर अप्रैल के पहले सप्ताह में ही नया सेशन शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से निगम स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है और अब उनकी पढ़ाई भी शुरू हो गई है। पूर्वी निगम की अतिरिक्त शिक्षा निदेशक सीमा शर्मा से सभी प्रधानाचार्यों को रोजाना हर कक्षा के हिसाब से आज की गतिविधियों की सूची भेज रही हैं। जिसे प्रधानाचार्य व शिक्षक आगे भेज रहे हैं। शिक्षक बच्चों से लगातार बात कर रहे हैं और दिए गए होम वर्क को चेक भी कर रहे हैं।
महिला कॉलोनी निगम स्कूल की प्रिंसिपल विभा सिंह बताती हैं कि बच्चों को शिक्षक अपनी तरह से भी विभिन्न गतिविधियां भेज रहे हैं। जिससे कि उनकी पढ़ाई चलती रहे। उन्होंने बताया कि करीब 70 प्रतिशत बच्चों के घरों में स्मार्टफोन है। जिन्हें टास्क दिया जा रहा है। जिन बच्चों के घरों में स्मार्टफोन नहीं हैं उनके अभिभावकों के पास शिक्षक रोजाना फोन कर रहे हैं और फोन पर ही उन्हें होम वर्क दे रहे हैं। सुबह नौ बजे से क्लास शुरू हो जाती है और बच्चे दो बजे तक जवाब देते रहते हैं। कई बच्चों के जवाब देर से भी आते हैं। बच्चों की गलतियों को ग्रुप पर ही सुधारा जाता है। बच्चों से तरह तरह के प्रश्न भी पूछे जाते हैं जिसका वह जवाब देते हैं।
गांव से भी कर रहे हैं पढ़ाई
विभिन्न निगम स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे गांव से भी पढ़ाई कर रहे हैं। दरअसल कई बच्चे अपने अभिभावकों के साथ गांव चले गए थे। शिक्षकों ने उन बच्चों से भी संपर्क किया। वह अपने अभिभावकों के स्मार्टफोन के माध्यम से वाट्सएप क्लासेज से जुड़ गए हैं। जिससे उनकी पढ़ाई भी बाधित नहीं हो रही है।
राशन दिलवाने में भी भूमिका निभा रहे हैं शिक्षक
निगम स्कूल के शिक्षक उन बच्चों के परिवारों की मदद कर रहे हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इसके अलावा उनके घरों पर खाना पहुंचाने में भी मदद कर रहे हैं। विभा सिंह बताती हैं कि उनके स्कूल के 57 अभिभावकों को ज्यादा परेशानी थी इस कारण उन्हें कच्चा राशन उपलब्ध करवाया गया।