Liquor Corona Tax: शराब पर 'कोरोना टैक्स' लगाने पर दिल्ली सरकार से HC ने मांगा जवाब
शराब के सभी ब्रांडों पर 70 प्रतिशत कोरोना टैक्स वसूलने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर एक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शराब की बिक्री पर स्पेशल कोरोना फी के तौर पर 70 फीसद की बढ़ोत्तरी के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई संक्षिप्त सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ दिल्ली सरकार को विस्तृत जानकारी के साथ एक और शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया। याचिका पर अगली सुनवाई 19 जून को होगी।
दिल्ली सरकार ने याचिका पर गुरुवार को शपथ पत्र दाखिल कर कहा था कि शराब की बिक्री और खरीद मौलिक अधिकार नहीं है। दिल्ली सरकार ने कहा था कि उत्पाद शुल्क विभाग बिक्री को नियंत्रित और प्रतिबंधित कर सकता है क्योंकि शराब स्वास्थ्य के लिए खतरनाक और हानिकारक है। दिल्ली सरकार ने शराब के दामों में 70 फीसदी बढ़ोतरी पर कहा कि कोरोना के दौरान राज्य का राजस्व काफी गिर गया था और शराब से हो रही कमाई का इस्तेमाल उस नुकसान को पूरा करने में किया जा रहा है।
127 करोड़ रुपये स्पेशल कोरोना फी के रूप में मिला
सरकार ने शपथ पत्र में कहा कि 4 मई से 25 मई के बीच शराब की बिक्री से 227 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है और इसमें 127 करोड़ रुपये स्पेशल कोरोना फी के रूप में मिला है। वहीं मई 2019 में कुल 425 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। पिछले वर्ष जहां 800 शराब की दुकानें खुली थी, जबकि इस समय इसकी 40 फीसद दुकानें ही प्रतिबंध के कारण खुल रही हैं। अधिवक्ता ललित वलेचा समेत कई लोगों की तरफ से दिल्ली में शराब के दामों में 70 फीसदी बढ़ोतरी के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में दलील दी गई थी कि कोरोना काल में लोगों के पास रुपये की कमी है और ऐसे में शराब के दामों पर 70 फीसदी वृद्धि करना जायज नहीं है।