Coronavirus: उडान से पहले पायलट के ब्रेथ अनलाइजर टेस्ट पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए हाई कोर्ट ने 27 मार्च तक सांस लेने वाले परीक्षण (बीएटी) (breath analyser tests) को स्थगित करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए हाई कोर्ट ने उड़ान से पहले पायलटों के शराब पीने की जांच को लेकर होने वाले ब्रिद अनलाएजर टेस्ट पर 27 मार्च तक के लिए रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने विमानन महानिदेशक एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिया कि कि वे फिलहाल पायलटों की सांस की जांच ट्यूब के माध्यम से ना करें।
पीठ ने साथ ही यह भी निर्देश दिया कि इसके वैकल्पिक विधि पर चर्चा के लिए मंगलवार को बैठक करें। मामले में अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी। उड़ान से पहले पायलटों की होने वाले सांस की जांच के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट पर रोक लगाने की मांग करते हुए एयर ट्रेफिक कंट्रोलर गिल्ड ने याचिका दाखिल की थी। याचिका के अनुसार पायलटों की उड़ान से पहले शराब पीने की जांच के लिए जो भी लाइव टेस्ट किया जाता है वह ट्यूब के माध्यम से होता है। इससे कोरोना वायरस फैलने की संभावना है ऐसे में इस पर रोक लगा दिया जाए।
घर के क्वारंटाइन से निकले बाहर तो होगी जेल
विदेश से आए और उनके संपर्क में आने वाले लोग तय नियम के अनुसार 14 दिन तक अपने घर में क्वारंटाइन ही रहें। इस नियम में अब कोई ढील नहीं मिलेगी। यदि घर से बाहर निकले तो जेल, जुर्माना या दोनों हो सकती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि घर के क्वारंटाइन से कहीं बाहर न निकलें अन्यथा जेल जाने के लिए तैयार रहें। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को इन पर निगरानी रखने व क्वारंटाइन से निकलने पर कानूनी कार्रवाई कर जेल भेजने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि देश भर में कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसमें यह बात सामने आई है कि घरों में क्वारंटाइन किए गए लोग नियम को तोड़ते हुए पार्टियों में शामिल हुए। विमान व रेल में यात्रएं की। इस वजह से कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग कोई जोखिम उठाना नहीं चाहता। इसलिए क्वारंटाइन किए गए लोगों को स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि वे खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखने के लिए 14 दिन घर में ही रहें।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार एक मार्च के बाद से 35 हजार लोग विदेश से आकर दिल्ली में रह रहे हैं। उन सभी को घर में क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा उनके संपर्क में आने वाले लोगों पर भी यह नियम लागू होगा। साथ ही कोरोना से पीड़ित किसी भी मरीज को अस्पताल से बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें अस्पताल में अपने आइसोलेशन वार्ड में ही रहना होगा। डॉक्टर द्वारा अस्पताल से छुट्टी देने के बाद ही वे वापस जा सकते हैं। यदि कोई मरीज अस्पताल से भागता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने के साथ ही उसे जेल भी भेजा जा सकता है।
दरअसल सरकार अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती इसलिए बरत रही है, क्योंकि कोरोना का संक्रमण अब तीसरे चरण में दस्तक दे रहा है। ऐसे में यदि जरा भी लापरवाही होती है तो इस संक्रमण को काबू कर पाना मुश्किल हो जाएगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी कहना है कि कोरोना के संक्रमण को काबू करने के लिए सबसे जरूरी बात जो हैं, वह यही है कि संक्रमित मरीज को लोगों से दूर रखा जाए। जितने ज्यादा लोगों के संपर्क में कोरोना पीड़ित आएगा, उतना ही यह रोग फैलता जाएगा।