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केजरीवाल के विधायक ने कहा- कोरोना पीड़ितों के संबंध में गलत जानकारी दे रहा आरएमएल अस्पताल

Coronavirus Cases in Delhi विधायक ने कहा कि कोरोना के इलाज में सैंपल जांच की अहम भूमिका होती है लेकिन राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल ने जांच प्रक्रिया को ताक पर रख दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 12:47 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 12:47 PM (IST)
केजरीवाल के विधायक ने कहा- कोरोना पीड़ितों के संबंध में गलत जानकारी दे रहा आरएमएल अस्पताल
केजरीवाल के विधायक ने कहा- कोरोना पीड़ितों के संबंध में गलत जानकारी दे रहा आरएमएल अस्पताल

नई दिल्ली, जागरण संवदादाता। Coronavirus Cases in Delhi:  आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधायक राघव चड्ढा ने बुधवार को केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल पर कोरोना सैंपल की जांच में देरी करने और गलत रिपोर्ट देने का आरोप लगाया है। बुधवार को डिजिटल प्रेस कांन्फ्रेंस में राघव चड्ढा ने कहा कि कोरोना के इलाज में सैंपल जांच की अहम भूमिका होती है, लेकिन राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल ने जांच प्रक्रिया को ताक पर रख दिया। यहां केंद्र और दिल्ली सरकार से जारी जांच के प्रोटोकॉल और दिल्ली हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों को दरकिनार कर बीते कुछ दिनों में काम किया है।

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45 प्रतिशत रिपोर्ट में त्रुटि मिली

राघव चड्ढा ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार और जांच की गुणवत्ता सुनिश्चित रखने के लिए दिल्ली सरकार अस्पतालों द्वारा जांच किए गए कुछ नमूनों का समय-समय पर दोबारा जांच कराती है। उसी कड़ी में आरएमएल अस्पताल में जांच किए गए कुछ नमूनों की दोबारा जांच कराई गई है। अस्पताल से 30 नमूने लिए गए। इसकी जांच अस्पताल कर चुका था और रिपोर्ट में सभी को कोरोना पॉजिटिव बताया था। दिल्ली सरकार ने उसकी दोबारा जांच कराई, तो उसमें से 12 सैंपल नेगेटिव निकले और दो सैंपलों में कोई नतीजा नहीं निकला। आरएमएल के परीक्षण में 45 प्रतिशत रिपोर्ट में त्रुटि मिली। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि आरएमएल अस्पताल ने परीक्षण के 48 घंटे के भीतर कोविड-19 परीक्षण का डेटा जमा न करने पर दिल्ली सरकार, केंद्र और दिल्ली हाई कोर्ट के मानदंडों का उल्लंघन किया है।

चड्ढा ने कहा कि आईसीएमआर के डेटा के अनुसार, आरएमएल अस्पताल ने जांच रिपोर्ट कभी 72 घंटे, कभी 6 दिन या 7 दिन या 10 दिन और कभी 31 दिन के बाद दी। जिन लोगों को तीन दिन बाद रिपोर्ट मिली, उनकी संख्या 281 है। चार दिन बाद 210 लोगों को रिपोर्ट मिली, एक सप्ताह बाद 50 लोगों को रिपोर्ट मिली। चार लोगों को 9 दिनों के बाद रिपोर्ट मिली। ऐसे ही कुछ लोगों को 31 दिन के बाद रिपोर्ट मिली। ऐसा उल्लंघन अस्वीकार्य है, क्योंकि इससे बीमारी का प्रसार होगा।

कोरोना योद्धाओं पर झूठे आरोप लगाना गलत

आरएमएल अस्पतालआरएमएल की निदेशक डॉ. मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा कि अस्पताल पर लगाया गया आरोप बबुनियाद है। कोरोना योद्धाओं पर झूठे आरोप लगाना गलत। अस्पताल में जांचे गए सैंपल का एम्स व राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीटीसी) की लैब में क्रॉस चेक भी कराया जाता है। इसलिए अस्पताल की जांच रिपोर्ट बिल्कुल सही है। उसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। जिस सैंपल की रिपोर्ट गलत होने का आरोप लगाया जा रहा है उसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि आरएमएल द्वारा सैंपल लेने व दिल्ली सरकार द्वारा दोबारा जांच के लिए सैंपल लेने की तारीख में सात से 14 दिन का अंतर है। इतने दिनों में कई मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव हो सकती है, इसलिए 45 फीसद रिपोर्ट गलत होने का आरोप सही नहीं है। जहां तक रिपोर्ट देर से मिलने का सवाल है तो कुछ दिन पहले जांच मशीन में कुछ तकनीकी दिक्कत थी। इस वजह से रिपोर्ट में देर हो रही थी। अब वह समस्या दूर हो गई है।


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