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कोरोना ने दिल्ली की इन 14 परियोजना पर लगाया ब्रेक, UP-बिहार के प्रवासी मजदूरों की वापसी भी बनी बड़ी वजह

अधिकारियों की मानें तो होली से अब तक 20 फीसद से अधिक श्रमिक जा चुके हैं। दिल्ली के ढांचागत विकास की स्थिति ऐसी है कि परियोजनाएं दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों पर निर्भर रहती हैं। इनमें उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड मध्य प्रदेश व राजस्थान के श्रमिक अधिक होते हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:15 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:15 AM (IST)
कोरोना ने दिल्ली की इन 14 परियोजना पर लगाया ब्रेक, UP-बिहार के प्रवासी मजदूरों की वापसी भी बनी बड़ी वजह
दिल्ली में होली से अब तक 20 फीसद से अधिक श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। कोरोना संक्रमण के चलते राजधानी दिल्ली में ढांचागत विकास की निर्माणाधीन परियोजनाओं पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। रहे हैं। परियोजनाओं पर काम कर रहे अधिकारियों को काम ठप हो जाने की आशंका है। दरअसल, दिल्ली के वर्तमान हालात को देखते हुए श्रमिक अपने गांव की ओर रुख कर रहे हैं। कोई मां तो कोई पत्नी के बीमार होने का बहाना बना रहा है। हालांकि परियोजनाओं पर काम कर रहीं कंपनियां उन्हें रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, लेकिन वह रुकने को तैयार नहीं है।

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परियोजनाओं पर काम कर रहे अधिकारियों की मानें तो होली से अब तक 20 फीसद से अधिक श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं। दिल्ली के ढांचागत विकास की स्थिति ऐसी है कि यहां की परियोजनाएं दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों पर निर्भर रहती हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश व राजस्थान के श्रमिक अधिक होते हैं। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि बहुत से श्रमिक पिछले साल गांव गए थे वे वापस नहीं लौटे हैं। अब जब से नाइट कर्फ्यू लगा है। यहां मौजूद श्रमिक भी घर जाने की राह पर हैं। उन्हें कहीं न कहीं लाकडाउन लगने की दहशत है।

नाइट कर्फ्यू से भी प्रभावित हो रहा है काम

उन्होंने बताया कि नाइट कर्फ्यू लगने से भी काम प्रभावित हो रहा है। कई परियोजनाओं पर रात में भी काम होता है जो अब बंद हैं। सड़कों को बनाने का काम भी इसी वजह से फिलहाल बंद पड़ा हुआ है।

दिसंबर में काम ने पकड़ी थी तेजी

दिल्ली सरकार ने परियोजनाओं के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में दिसंबर के पहले सप्ताह में 963 करोड़ की राशि जारी की थी। इसके बाद परियोजनाओं के काम में तेजी देखी गई थी। इससे पहले कोरोना के चलते विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं पर पिछले अप्रैल से काम ठप था। इसका कारण सरकार की ओर से परियोजनाओं के लिए पैसा जारी नहीं होना भी था। कुछ कंपनियां अपने पास से पैसा लगाकर काम कर रही थीं।

मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए भी मिला है 6 हजार करोड़ का बजट

मौजूदा वित्तीय वर्ष में निर्माणाधीन परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाना था साथ ही नई परियोजनाओं को भी जमीन पर उतारा जाना था। इसके लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग को छह हजार करोड़ का बजट दिया गया है। मगर अब यह राशि खर्च भी हो पाएगी, इस पर भी आशंका है।

इन परियोजनाओं पर चल रहा है काम

  1. सिग्नल फ्री मथुरा रोड भैरों मार्ग टी-प्वाइंट जंक्शन को सिग्नल फ्री करने का काम
  2. प्रगति मैदान सुरंग सड़क
  3. बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर बारापुला फेज तीन एलिवेटेड कारिडोर योजना
  4. स्कूलों में कमरे बनाने का
  5. सड़कों को री-डिजाइन करने की योजना
  6. अस्पताल में अतिरिक्त ब्लाक बनाने का काम
  7. लोक नायक अस्पताल में 22 मंजिला ब्लाक बनाने का काम
  8. राजपुर रोड स्थित अरुणा आसफअली अस्पताल
  9. मोतीनगर का आर्चाय श्री भिक्षु अस्पताल
  10. भगवान महावीर अस्पताल- पीतमपुरा
  11. दीपचंद अस्पताल कोकीवाला
  12. अशोक विहार-जाफरपुर का रावतुलाराम मेमोरियल अस्पताल
  13. संजय गांधी अस्पताल
  14. मंगोलपुरी-बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल-रोहिणी

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