Coronavirus : जानिए- इन 7 उपायों के बारे में, जिससे कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ना होगा आसान
Coronavirus जब तक इसकी प्रभावी दवा और टीका तैयार नहीं हो जाता तब तक शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना पडे़गा।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। कोरोना के बढ़ते मामलों से एक बात तो स्पष्ट है कि इसका संक्रमण जल्द खत्म नहीं होने वाला। अब तक मौसम के तापमान में हुए इजाफे का भी इस पर खास असर नहीं देखा गया है। ऐसे में विशेषज्ञों की उम्मीदें लॉकडाउन पर ही टिकी हैं।
शारीरिक दूरी के नियमों का करें पालन
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि लॉकडाउन के प्रभाव से अभी यह वायरस पस्त हो भी जाए तब भी हमें चौकन्ना रहना पडे़गा, क्योंकि इ्रन्फ्लूएंजा व अन्य वायरस की तरह कोरोना वायरस भी दोबारा अटैक कर सकता है। ऐसे में जब तक इसकी प्रभावी दवा और टीका तैयार नहीं हो जाता, तब तक शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना पडे़गा। ऐसे में लंबे समय तक शारीरिक दूरी बनाकर रहने व चेहरे को कपडे़ के मास्क से ढंककर रखने की आदत डालनी पडे़गी।
दोबारा संक्रमण का रहेगा खतरा, बचाव के उपाय रखें जारी
डॉक्टर कहते हैं कि विदेशों में इस पर काफी शोध चल रहे हैं कि इसका संक्रमण कब तक बरकरार रहेगा। हाल ही में अमेरिका के हार्वर्ड टीएस चान पब्लिक हेल्थ के विशेषज्ञों ने भी कोरोना वायरस के अन्य चार स्ट्रेन से तुलनात्मक अध्ययन कर अनुमान लगाया है कि महामारी खत्म होने के बाद भी इसका संक्रमण दोबारा हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यह महामारी कितने समय तक रहती है।
मौसम का परिवर्तन बेअसर, न बैठें निश्चिंत
मौसम के अनुसार इसमें क्या बदलाव होता है और लोगों में इसके प्रति कितने समय तक प्रतिरोधकता बरकरार रहती है। डॉक्टर कहते हैं कि इन्फ्लूएंजा की तरह सर्दी के मौसम में हर बार कोरोना वायरस का भी संक्रमण हो सकता है, क्योंकि महामारी खत्म होने के बाद भी इस वायरस का वजूद रहेगा।
मास्क लगाना ही बेहतर उपाय
फोर्टिस अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ. विकास मौर्य ने कहा कि यह महामारी जल्द खत्म नहीं होगी। कुछ अध्ययन में वर्ष 2022 तक इसका असर रहने की बात कही जा रही है तो कुछ में इससे भी ज्यादा समय तक असर रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी मास्क लगाना होगा व शारीरिक दूरी बनाकर रखना पडे़गा।
बढ़ाएं रोग-प्रतिरोधक झमता
सफदरजंग अस्पताल के प्रिवेंटिव व कम्युनिटी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. जुगल किशोर ने कहा कि मौजूदा समय में संक्रमण बहुत क्रिटिकल फेज में नहीं है। दिल्ली, मुंबई व मध्यप्रदेश में तापमान अधिक होने के बावजूद मामले बढे़ हैं। अगले कुछ सप्ताह में काफी लोग इस वायरस ग्रसित हो सकते हैं। बाद में लोगों में इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी।
इधर-उधर थूकना खत्म करना होगा
यह भी देखा गया है संक्रमण का चरम आने के बाद मामले घटने लगते हैं, लेकिन इन्फ्लूएंजा की तरह कोरोना भी हर साल आ सकता है, इसलिए अपनी दिनचर्या में हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखना पड़ेगा। इधर-उधर थूकने की आदत छोड़नी और लोगों से दूर से ही बात करने की आदत डालनी पड़ेगी।
कोराना वायरस दोबारा कर सकता है वार, न बरतें लापरवाही
दिल्ली की पूर्व विशेष स्वास्थ्य सचिव व आइएएस अधिकारी डॉ. मृणलिनी दरस्वाल ने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में काफी हद तक सफलता पाई है। लॉकडाउन का ठीक से पालन किया गया तो इस महामारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकेगा। हालांकि, यह वायरस दोबारा आ सकता है। खासतौर पर विदेशों से आने वाले या लक्षण रहित संक्रमित लोगों के माध्यम से दोबारा फैलने की आशंका रहेगी। ऐसे में जब तक टीका व दवा नहीं बन जाती तब तक लोगों को हाथ की स्वच्छता, शारीरिक दूरी का पालन करना पडे़गा।
कोरोना पर करेंगी शोध
डॉ. मृणलिनी दरस्वाल ने मेडिकल की पढ़ाई की है। फिलहाल वह शिक्षा अवकाश पर हैं। इस महामारी पर वह लगातार अध्ययन कर रही हैं और लिख भी रही हैं। हार्वर्ड टीएस चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने इस पर शोध के लिए उनका चयन किया है।