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Coronavirus : Covid-19 से जुड़ी फर्जी सूचनाओं से लोगों को बचाएगा APP

Coronavirus उपयोगकर्ताओं को हर समय सुरक्षित रखने के लिए हिंदी भाषा में प्रामाणिक ऑडियो ब्लूटूथ आधारित शारीरिक दूरी के बारे मे जानकारी देगा।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 11:13 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 11:13 PM (IST)
Coronavirus : Covid-19 से जुड़ी फर्जी सूचनाओं से  लोगों को बचाएगा APP
Coronavirus : Covid-19 से जुड़ी फर्जी सूचनाओं से लोगों को बचाएगा APP

नई दिल्ली [राहुल मानव]। Coronavirus: दिल्ली सरकार के इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइआइआइटीडी) की तरफ से Covid-19 से जुड़ी सभी प्रकार की सही व सटीक जानकारी देने के लिए एक मोबाइल एप वशकरो तैयार किया है। यह एप आम जनता को Covid-19 से जुड़ी फर्जी सूचनाओं से भी बचाएगा। आइआइआइटीडी में क्लिनिशियन डेटा साइंटिस्ट और कंप्यूटेशनल बायोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तवप्रितेश सेठी और संस्थान के कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर पोन्नुरंगम कुमारगुरु ने इस मोबाइल एप को तैयार किया है।

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इनके अनुसार वाशकारो पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-पावर्ड इंफोडेमिक (फर्जी सूचना से बचाव) मैनेजमेंट ऐप है जो उपयोगकर्ताओं को हर समय सुरक्षित रखने के लिए हिंदी भाषा में प्रामाणिक ऑडियो, ब्लूटूथ आधारित शारीरिक दूरी के बारे मे जानकारी देगा और स्वयं अपने लक्षणों की जांच करने का प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

प्रो तवप्रितेश सेठी ने बताया है जल्द ही इस मोबाइल एप के स्वरूप को इस ढांचे में ढाल दिया जाएगा जिससे दिल्ली में दिल्ली सरकार द्वारा जितने भी कोरोना संक्रमण के मामलों के पॉजिटिव आने के बाद उन जगहों को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है। उसकी सूचना भी एप में डाली जाएगी, जिससे यह एप इस्तेमाल करने वाले लोगों को एक अलर्ट भेजे देगा , वह जैसे ही इन हॉटस्पॉट के करीब आएंगे या वहां से गुजरेंगे। इसकी तैयारी की जा रही है और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों इस बारे में बातचीत भी की जा रही है।

इस एप का मकसद है कि लोगों को कोविद-19 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी किए जा रहे हैं। दिशा निदेशों और देश की सभी एजेंसियों के दिशा निर्देशों को सरल भाषा में तब्दील करते हुए उसे लोगों तक पहुंचना है। डब्ल्यूएचओ ने भी इस एप को सराहा है। दोनों प्रोफेसरों ने इस एप से जुड़ी रिसर्च पेपर को कंप्यूटर साइंस और मैथेमेटिकल इनोवेशन से जुड़े एक वेबसाइट में डाला था। वहां से इसके बारे में डब्ल्यूएचओ को जानकारी मिली और ईमेल के जरिये इसे सराहा।

वहीं 8 अप्रैल को डब्ल्यूएचओ की इंफोडेमिक परामर्श की एक ऑनलाइन बैठक हुई थी। जिसमें संस्थान के प्रोफेसर ने प्रेजेंटेशन के जरिये एप की जानकारी दी। इसमें 500 लोग , जिनमें विशेषज्ञ भी शामिल थे। सभी ने एप की सराहना करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विकसित करने के लिए सुझाव दिया है।

प्रोफेसर पोन्नुरंगम कुमारगुरु पिछले दस सालों से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने पर काम कर रहे हैं। वहीं प्रो डॉ. तवप्रितेश सेठी दस सालों से स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस तरह से समाधान निकल सकता है, इस पर काम कर रहे हैं।

इस एप से हिंदी समेत तमिल, गुजराती, मराठी, नेपाली, बंगाली, तेलुगु, ओरिया, आसामी, भोजपुरी और पंजाबी भाषा में भी जानकारी मिलेगी। फ्रेंच और जर्मन भाषा में भी जानकारी मिलेगी। इन भाषाओं को भी एप में अपलोड किया जा रहा है।


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