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Coronavirus : धरती के 'भगवान' पर भी कोरोना वायरस का आक्रमण, दिल्ली में अब तक 33 चपेट में

Coronavirus दिल्ली के बड़े अस्पतालों में ही कार्यरत करीब 33 डॉक्टर और 84 स्वास्थ्यकर्मी अब तक संक्रमित हो चुके हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 07:42 AM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 07:42 AM (IST)
Coronavirus : धरती के 'भगवान' पर भी कोरोना वायरस का आक्रमण, दिल्ली में अब तक 33 चपेट में
Coronavirus : धरती के 'भगवान' पर भी कोरोना वायरस का आक्रमण, दिल्ली में अब तक 33 चपेट में

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। दिल्ली कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी भी लगातार इसके संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली के बड़े अस्पतालों में ही कार्यरत करीब 33 डॉक्टर और 84 स्वास्थ्यकर्मी अब तक संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में 25 दिनों से कीमोथेरेपी और इमरजेंसी सेवाएं बंद हैं।

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वहीं अब उत्तरी निगम के बाड़ा हिंदूराव अस्पताल को भी एक नर्सिंग स्टाफ के संक्रमित होने के कारण कुछ दिनों के लिए बंद किया जा रहा है। इनके अलावा मोहल्ला क्लीनिक और निजी क्लीनिक के भी कुछ डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले दिनों में कोरोना का संक्रमण और बढ़ेगा और उस समय भी हमारे पास डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में अभी से सरकार के स्तर पर प्रयास शुरू कर देने चाहिए।

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के अध्यक्ष डॉ. बीबी वाधवा कहते हैं कि जब तक अस्पताल में आने वाले हर मरीज की जांच और तुरंत रिपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, यह समस्या हमारे सामने आती रहेगी। अस्पताल और निजी क्लीनिक भी चालू रखने जरूरी हैं और कोरोना से बचना भी आवश्यक है।

दरअसल, अधिकतर कोरोना पीड़ितों में कोई लक्षण नहीं होते। लक्षण सामने आने में समय लगता है। साथ ही जांच की रिपोर्ट भी तीन से चार दिन बाद आ रही है। ऐसे में इमरजेंसी में पहुंचे मरीजों को इलाज से मना नहीं किया जा सकता है। यह अस्पतालों में संक्रमण फैलने का बड़ा कारण है। ऐसे में कोरोना के वार्ड में तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी अपने आपको बचाए रखना चुनौती है।

वहीं यूनाइटेड रेजीडेंट्स एंड डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (यूआरडीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मनु गौतम ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि कोरोना से लड़ रहे योद्धाओं (डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी) के संक्रमित होने पर उन्हें इलाज के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था की जाए। उनका कहना है कि कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टरों के उत्साह को बरकरार रखने के लिए यह कदम जरूरी है।


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