कोरोना के कारण अब विदेशियों को गुरुद्वारे में नहीं मिलेगी सीधे इंट्री, प्रबंधक कमेटी ने उठाया बड़ा कदम
गुरुद्वारा परिसरों में कार्यरत सभी सेवादारों को ड्यू्टी शुरू करने से पहले कीटाणुरहित किया जा रहा है। उन्हें अपने हाथ साबुन से धोते रहने व अन्य एहतियात के कदम उठाने को कहा गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के गुरुद्वारों में अब सभी विदेशी प्रवेश नहीं कर सकेंगे। कम से कम पिछले 15 दिनों तक भारत में रह चुके विदेशी पर्यटक ही गुरुद्वारों में जा सकेंगे। यह फैसला कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही गुरुद्वारा परिसर में संगत अपनी इच्छा से लंगर नहीं लगा सकेंगे। उन्हें अपने स्तर पर लंगर लगाने के बजाय गुरुद्वारा के मुख्य लंगर में दान देने की सलाह दी गई है।
कोरोना के संक्रमण से रोकने के लिए किया उपाय
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हम सभी को सहयोग करना होगा, इसलिए कुछ फैसले किए गए हैं।
इस कारण लिया गया फैसला
विदेश से आया हुआ कोई व्यक्ति संक्रमित है या नहीं इसका पता 15 दिनों में चल जाएगा। इस वजह से इतने दिनों तक देश में गुजारने वालों को भी गुरुद्वारा में प्रवेश का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा परिसर में सिख संस्थाओं तथा अन्य संगत लंगर लगाते हैं, लेकिन वर्तमान हालात को ध्यान में रखकर इस पर भी रोक लगा दी गई है।
लंगर में प्रयोग होगा पैकेट बंद राशन
उन्होंने कहा कि एतिहातिक गुरुद्वारों के लंगर में सिर्फ पैकेट बंद दाल, चावल व अन्य खाद्य साम्रगी के प्रयोग करने का निर्देश दिया गया है। बाजार में खुले में बिकने वाली सब्जी व अन्य खाद्य सामग्री लंगर में प्रयोग नहीं होगा।
सेवादारों को विशेष हिदायत
इसके साथ ही गुरुद्वारा परिसरों में कार्यरत सभी सेवादारों को ड्यू्टी शुरू करने से पहले कीटाणुरहित किया जा रहा है। उन्हें अपने हाथ साबुन से धोते रहने व अन्य एहतियात के कदम उठाने को कहा गया है। गुरुद्वारों में कुर्सी, लिफ्ट, रैलिंग आदि को बार-बार कीटाणुरहित करने का निर्देश दिया गया है।
सिर ढकने के लिए लेकर आना होगा कपड़ा
उन्होंने कहा कि सभी सहजधारी सिखों और गैर सिखों को गुरुद्वारा परिसर में प्रवेश करते समय सिर ढकने के लिए अपने साथ कपड़ा लाना होगा। तत्काल प्रभाव से श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा में सिर ढकने के लिए कपड़ा देने की सुविधा बंद कर दी गई है।