Nizamuddin Tablighi Jamat: मौलाना साद को अभी गिरफ्तार नहीं करना चाहती पुलिस
Coronavirus पुलिस को शक है कि मरकज में ठहरने वाले अधिकतर मौलानाओं व अन्य में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद व मरकज के प्रबंधन से जुड़े छह अन्य मौलानाओं को क्राइम ब्रांच अभी गिरफ्तार नहीं करेगी। दरअसल संक्रमण के खतरे को देखते हुए पहले इन सभी के उपचार पर जोर दिया जा रहा है, ताकि इन्हें कोरोना के खतरे से बचाया जा सके। ऐसे में फिलहाल क्वारंटाइन के 14 दिन पूर्ण होने के बाद ही क्राइम ब्रांच किसी तरह की कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
पुलिस को शक है कि मरकज में ठहरने वाले अधिकतर मौलानाओं व अन्य में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। यही नहीं यहां से अन्य राज्यों में गए कई लोगों की संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है।
मौलाना मो. साद समेत अन्य आरोपित फरार
जानकारी के अनुसार, 29 मार्च को मरकज से जबरन बाहर निकाले गए 2137 लोगों में भी जो बीमार पाए गए, उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अभी जो बीमार नहीं हैं, उन्हें क्वारंटाइन में भेज दिया गया है। इनमें 281 विदेशी भी शामिल हैं। क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना मो. साद समेत प्रबंधन से जुड़े छह अन्य मौलाना मुहम्मद अशरफ, मुफ्ती शरजाद, डॉ. जीशान, मुर्शलीन सैफी, यूनुस व मो. सलमान बीते 28 मार्च से ही मरकज से फरार हो गए हैं। इनमें साद व एक अन्य उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर व बाकी दिल्ली के रहने वाले हैं।
इस वजह से मौलाना साद को गिरफ्तार नहीं करना चाहती पुलिस
पुलिस को शक है कि मुहम्मद साद को भी कोरोना का संक्रमण हो चुका है। उसने ऑडियो वायरल कर खुद को क्वारंटाइन करने का दावा भी किया है। साद के अधिवक्ता ने दावा किया है कि ऑडियो उसी का है। पुलिस का कहना है कि सातों आरोपित मुकदमा दर्ज होते ही भूमिगत हो गए हैं। उन्हें पुलिस ढूंढने का प्रयास भी नहीं कर रही है। क्योंकि गिरफ्तारी के बाद इन सभी को क्वारंटाइन करने की समस्या हो सकती है। ऐसे में इन सभी के स्वस्थ होने के बाद ही पूछताछ किए जाने को प्राथमिकता दी जा रही है। फिलहाल सभी को नोटिस भेज दिया गया है। उन्हें 14 दिन बाद ठीक होने पर जांच में शामिल होने को कहा गया है।
क्राइम ब्रांच तैयार कर रही है सूची
मरकज को लेकर क्राइम ब्रांच अभी पहले उन लोगों की सूची तैयार कर रही है, जो दस मार्च के बाद यहां निजामुद्दीन आए और फिर घरों को चले गए। ताकि उनकी पहचान कर संबंधित राज्यों को सूचित किया जा सके। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को भी पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि यदि उनके यहां मरकज से जुड़े किसी व्यक्ति का इलाज किया जाता है तो तत्काल पुलिस को सूचित किया जाए। वहीं तब्लीगी मरकज में फिलहाल सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है, स्वास्थ्य विभाग की हरी झंडी मिलने के बाद क्राइम ब्रांच यहां भी जांच करेगी।