Coroanvirus: दूसरों को बचाने आगे आ रहे कोरोना को मात देने वाले योद्धा, दिखा रहे उत्साह
Coroanvirus Plasma Therapy Treatment प्लाज्मा दान के लिए कोरोना से ठीक हुए लोगों ने इसी तरह उत्साह बना रहा तो आइएलबीएस कम से कम 100 लोगों से प्लाज्मा दान कराने की तैयारी में है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Coroanvirus Plasma Therapy Treatment: पहले खुद ही कोरोना से जिंदगी दांव पर थी। कई दिनों तक वे इस बीमारी से लड़ते रहे और अंतत: कोरोना को मात देने में सफल रहे। लेकिन, कोरोना से जारी इन योद्धाओं की जंग यहीं खत्म नहीं हुई। ऐसे लोग जो ठीक हो चुके हैं, अब वे दूसरे संक्रमितों को बचाने के लिए आगे आ रहे हैं और प्लाज्मा दान कर रहे हैं। यकृत व पित्त विज्ञान संस्थान में (आइएलबीएस) में अब तक नौ लोग अपना प्लाज्मा दान कर चुके हैं।
शनिवार को ही चार लोगों ने प्लाज्मा दान किया। जिससे कोरोना से पीडि़त गंभीर मरीजों को जिंदगी मिल सकेगी। इससे डॉक्टर भी उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में प्लाज्मा दान करने वाले ऐसे लोगों की संख्या और बढ़ेगी।
काफी लोग प्लाज्मा दान करने में उत्साह दिखा रहे
शुरुआत में ऐसा लगा था कि कोरोना की बीमारी से जूझने के बाद ठीक हुए लोग आसानी से प्लाज्मा दान के लिए शायद आगे नहीं आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। काफी लोग प्लाज्मा दान करने में उत्साह दिखा रहे हैं। हालांकि कई लोग तो इस वजह से प्लाज्मा दान नहीं कर पाए क्योंकि उनका वजन कम था तो कुछ में हीमोग्लोबिन की कमी थी।
प्लाज्मा दान के लिए कोरोना से ठीक हुए लोगों ने इसी तरह उत्साह बना रहा तो आइएलबीएस कम से कम 100 लोगों से प्लाज्मा दान कराने की तैयारी में है। आइएलबीएस व लोकनायक अस्पताल द्वारा मिलकर प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की गई है। आइएलबीएस में डोनर के ब्लड से प्लाज्मा लिया जाता है। जिसकी गहनता से जांच करने के बाद लोकनायक अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों को डॉक्टर चढ़ाते हैं।
आइएलबीएस के निदेशक डॉ. एसके सरीन ने कहा कि प्लाज्मा दान काफी अच्छा हो गया है। इस बात से थोड़ी खुशी महसूस कर रहे हैं कि गंभीर मरीजों को बचा पाना आसान होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी प्लाज्मा दान करना चाहे तो ब्लड बैंक 24 घंटे खुला है। प्लाज्मा दान कर देशभक्ति दिखाने का बढि़या अवसर है।
अब तक पांच मरीजों को दी गई प्लाज्मा थेरेपी
लोकनायक अस्पताल में शनिवार को भी एक मरीज को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। इस तरह अब तक पांच मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी जा चुकी है। बॉक्सरोजा खोलने के बाद दान कर सकते हैं प्लाज्मा डॉ. एसके सरीन ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए लोगों में से यदि कोई रोजा रख रहा है तो वह शाम को रोजा खोलने के बाद प्लाज्मा दान कर सकता है। कई लोगों में यह गलत धारणा है कि प्लाज्मा दान करने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाएगी, जबकि ऐसा नहीं है। प्लाज्मा दान करने पर बाद बेहतर एंटीबॉडी बनने की उम्मीद है। जिन कोरोना पीडि़तों को ठीक हुए 21 दिन या उससे अधिक हो चुके हैं, उनका ही प्लाज्मा लिया जा रहा है।