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Coronavirus Lockdown Day 4: UP-Bihar संग झारखंड के लोगों का भी पलायन तेज, पैदल ही शुरू किया सैकड़ों किमी का सफर

Coroanvirus LockDown day 4 दिल्ली में रहने वाले परदेसियों (मजदूरों) ने पैदल ही हजारों लोगों ने अपने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 09:44 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 04:09 PM (IST)
Coronavirus Lockdown Day 4: UP-Bihar संग झारखंड के लोगों का भी पलायन तेज, पैदल ही शुरू किया सैकड़ों किमी का सफर
Coronavirus Lockdown Day 4: UP-Bihar संग झारखंड के लोगों का भी पलायन तेज, पैदल ही शुरू किया सैकड़ों किमी का सफर

नई दिल्ली, जेएनएन। Coroanvirus, LockDown: लॉकडाउन के बाद महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली समेत दर्जन भर राज्यों के मजदूरों का पलायन तेज हो गया है। आलम यह है कि बस-ट्रेनें बंद होने की स्थिति पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने के लिए लाखों की संख्या में निकल पड़े हैं। खास यूपी, बिहार, झारखंड के मजदूर अपने गृहराज्य  जाने के लिए सफर पर निकल पड़े हैं। दिल्ली के निकट एनएच-24, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर हजारों की भीड़ सड़कों पर पैदल ही चली जा रही है। सरकार के तरफ से मदद नहीं मिलने से नाराजगी तो है मगर हौसला यह है कि 1000 किलोमीटर घर दूर है फिर भी कदम नहीं थम रहे हैं। 

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दिल्ली से पैदल ही यूपी-बिहार के लिए निकले मजदूर

दिल्ली में रहने वाले परदेसियों (मजदूरों) ने पैदल ही हजारों लोगों ने अपने घरों की ओर पलायन शुरू कर दिया है। सड़कों पर इनका अलग-अलग झुंड देखने को मिला। खासकर शुक्रवार शाम से लेकर रात तक हजारों की संख्या में लोग यूपी-बिहार और झारखंड की ओर पलायन करते दिखे। 

पुलिस बांट रही खाना

इस बीच दिल्ली पुलिस इन मजदूरों को रोकने का भरसक प्रयास करती नजर आई। इस कड़ी में दिल्ली के अक्षरधाम के पास एक रिक्शाचालक को पुलिस ने यह कहकर वापस भेज दिया कि वह बस से जाए। रिक्शाचालक पांचू मंडल का कहना है कि पुलिस हमें रिक्शा के जरिये वापस अपने गृह राज्य नहीं जाने दे रही है। कहा जा रहा है कि उन्हें बस के जरिये उनके घर भेजा जाएगा। वहीं, पुलिस सड़क पर निकले मजदूरों को खाना भी खिलाने का इंतजाम कर रही है।

बारिश के बीच सड़क पर लोगों का रेला

वहीं, शुक्रवार शाम को सड़कों पर यह स्थिति थी कि 200-300 लोग साथ चल रहे थे। इसमें हर उम्र वर्ग के लोग शामिल थे। किसी को नहीं मालूम था कि वे अपने घर बिना किसी साधन के कैसे जाएंगे। सिर पर सामान रखकर बस पैदल चलते जा रहे थे। बारिश भी उनके कदमों को रोक नहीं पाई। उत्तर प्रदेश के लिए अधिकतर गाडि़यां आनंद विहार से चलती हैं। ऐसे में दिल्ली से पलायन करने वाले लोग विभिन्न रास्तों से गुजरते हुए पैदल ही आनंद विहार बस अड्डा और एनएच-9 पर पहुंचे।

एनएच-9 पर दिख रही भीड़ ही भीड़

एनएच-9 पर दिल्ली-यूपी गेट पर तो पलायन करने वालों का सैलाब था। बॉर्डर पर पुलिस भी तैनात थी, लेकिन उसके बाद भी वह इन लोगों को रोक नहीं सकी। दिल्ली में जो डीटीसी की बसें चल रही हैं, वे डॉक्टरों, मीडियाकर्मियों, निगम और पुलिस के कर्मियों के लिए चल रही हैं। पलायन करने वाले बसों को रोकने की कोशिश करते, लेकिन चालक बसें रोकते और अपनी मजबूरी बताकर बस ले जाते। कोई दूसरा साधन भी उपलब्ध न होने की वजह से वे पैदल ही अपने घरों की ओर चलते रहे।

पलायन करने वाले ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि उत्तर प्रदेश में बस सेवा शुरू हो गई है। कौशांबी और लालकुआं बस अड्डे से बसें चल रही हैं। काम बंद है, बिना काम के वे इतने दिन कैसे रहेंगे इसलिए अपने घरों को जा रहे हैं। बसों की संख्या कम और लोगों की संख्या अधिक होने पर लोगों को सीटें नहीं मिलीं। बस न मिलने पर लोग पैदल ही आगे बढ़ गए।

मूलरूप से लखनऊ के रहने वाले विनीत अपने कई दोस्तों के साथ साकेत इलाके के सैदुलाजाब गांव में किराये पर रहते थे और यहीं पर मजदूरी करते थे। पत्नी व बच्चे लखनऊ में रहते हैं। लॉकडाउन के कारण उनका रोजगार बंद हो गया है। ऐसे में कुछ ज्यादा दिनों का राशन भी नहीं बचा है। विनीत ने बताया कि घर से भी बार-बार फोन आ रहे हैं। उन्हें हमारी फिक्र हो रही है।

पलायन का यह भी है कारण

दरअसल, लोगों को ऐसा लगता है कि लॉकडाउन आगे भी बढ़ सकता है। ऐसे में लोगों को बेरोजगारी की चिंता सता रही है। वहीं, इन लोगों को यह भी चिंता सता रही है कि इस माह तो मकान मालिक भले ही किराया के लिए परेशान न करें, लेकिन अगले माह से ये किराया कैसे देंगे।

यूपी के गोरखपुर निवासी राहुल ने बताया कि पैदल जाने में भले ही पांच-छह दिन लग जाएंगे, लेकिन एक बार पहुंचने के बाद तो समस्या कम हो जाएंगी। वहीं, घर में पत्नी व बच्चों को भी हमारी चिंता नहीं होगी। अभी कोई भी सार्वजनिक परिवहन चल नहीं रहा है। ऐसे में पैदल जाना मजबूरी है।

साहब, अपनों की छांव में काट लेंगे जिंदगी

बादली औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री में काम करने वाले सुनील कुमार ने बताया कि अब बड़े शहरों में नही रहना गांव में अपनों की छांव में रह कर जिंदगी काट लेंगे। सुनील मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद के रहने वाले हैं। शुक्रवार तड़के वे पैदल दिल्ली से गोंडा जाने के लिए निकले हैं। उनका कहना है कि उनके साथ परिवार के ही चार लोग और हैं, सभी यहां पर अपने परिवार को छोड़ कर रोजी-रोटी कमाने आए थे। उन्ही के साथ गांव जा रहे प्रमोद ने बताया कि इस कठिन परिस्थिति में उनके मां, बाप घर में अकेले हैं उनकी देखभाल के लिए कोई नहीं है। फैक्ट्री मालिक ने थोड़े पैसे देकर कह दिया कि आप सब अपने गांव चले जाएं जब स्थिति ठीक होगी तब आना।

अरुण कुमार मिश्रा (जिलाधिकारी उत्तरी पूर्वी जिला) के मुताबिक, मैं खुद शुक्रवार को दिल्ली-उप्र बॉर्डर पर गया था। जो लोग दिल्ली छोड़कर जा रहे थे उन्हें समझाया कि दिल्ली में उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। सभी के लिए खाने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है। उनका कहना था कि वह अपने घर पर जाकर अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं, इसलिए जा रहे हैं। पुलिस को आदेश दिया गया है कि जो लोग जहां हैं उन्हें वहीं रहने दिया जाए, दिल्ली छोड़कर किसी को न जाने दिया जाए।  


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