राजधानी दिल्ली में सक्रिय कोरोना के मरीजों से अधिक हैं कंटेनमेंट जोन
कई इलाकों में स्थिति ऐसी है कि कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं और उनका घर या कालोनी कंटेनमेंट जोन बनी हुई है। इस समस्या के हल के लिए दिल्ली सकाार गत दिनों केंद्र सरकार को पत्र भी लिख चुकी है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली में घट रहे कोरोना संक्रमण के बीच एक नया तथ्य सामने आ रहा है कि यहां कोरोना के सक्रिय मरीजों से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं। इसका प्रमुख कारण कंटेनमेंट जोन का समय अधिक होना माना जा रहा है। कई इलाकों में स्थिति ऐसी है कि कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं और उनका घर या कालोनी कंटेनमेंट जोन बनी हुई है। इस समस्या के हल के लिए दिल्ली सरकार गत दिनों केंद्र सरकार को पत्र भी लिख चुकी है। दिल्ली सरकार ने कोविड मरीजों को लेकर बनाएं गए कंटेनमेंट जोन को खत्म करने की इसी माह के दूसरे सप्ताह में कंटेनमेंट जोन की समय सीमा कम करने के लिए केंद्र सरकार से अपील की थी।
स्वास्थ्य विभाग का तर्क था कि अगर कोविड मरीज का होम आइसोलेशन की अवधि सात दिन है, तो कंटेनमेंट जोन खत्म करने के लिए 28 दिन क्यों है, राज्य सरकार ने केंद्र से अपील की थी कि वह कंटेनमेंट जोन को डी कंटेन करने की अवधि कम करे। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि दिल्ली समेत पूरे देश में कंटेनमेंट जोन बनाने व उसके संचालित करने की रणनीति केंद्र सरकार तय करती है।
वर्तमान में कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के बाद अगर कोविड मरीज सात दिन में ठीक भी हो जाता है तो कंटेनमेंट जोन खत्म करने में 28 दिन का इंतजार करना पड़ता है।पहले 14 दिन बाद उसे स्केल्ड डाउन (14 दिन में कोई नया मरीज नहीं आने पर) किया जाता है, फिर अगले दिन 14 दिन कोई नया केस नहीं आने के बाद उसे डी कंटेन किया जाता है।
बता दें कि जब तक कोविड मरीज वाले कंटेनमेंट जोन को डी-कंटेन नहीं किया जाता है वहां लाकडाउन जैसी स्थिति रहती है।वहां हर तरह की गतिविधि पर पाबंदी रहती है।परिवार के सदस्यों के आवाजाही पर दिक्कत होती है। वह नियमों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ डीडीएमए एक्ट के तहत कार्रवाई का प्रावधान भी है।कई मरीज होम आइसोलेशन से ठीक हो चुके है। उनका होम आइसोलेशन खत्म हो गया है। मगर अभी तक कंटेनमेंट जोन बना हुआ है।
56 दिन बाद पहली बार घटे कंटेनमेंट जोन दिल्ली में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हुए हेल्थ बुलेटिन के अनुसार दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 43662 है, जबकि मंगलवार को जारी हुए बुलेटिन में कंटेनमेंट जोन की संख्या 44547 थी। इस हिसाब से पहली बार 885 कंटेनमेंट जोन घटे हैं।इससे पहले से 56 दिन बाद कंटेनमेंट जोन घटे हैं।इससे पहले एक नवंबर को कंटेनमेंट जोन 86 पर आ गए थे, उसके बाद बढ़ने शुरू हुए थे, मगर 13 जनवरी के बाद से कंटेनमेंट जोन बहुत तेजी से बढ़ने लगे थे।हालांकि अभी भी सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन दक्षिणी जिला में हैं।
ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष बी एस बोहरा कहते हैं कि जब कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन सात दिन का है, और मरीज इस दौरान ठीक भी हो जा रहे हैं तो कंटेनमेंट जोन का समय भी सात दिन किया जाना चाहिए।हां अगर इस दौरान उस क्षेत्र में कोई नया मरीज आ जाता है तो ही कंटेनमेंट जोन का समय बढ़ाया जाना चाहिए। वह कहते हैं कि यहां यह बात भी समझ से परे है कि राजस्व विभाग कंटेनमेंट जोन की डिलेट क्यों नहीं दे रहा है।इस विभाग ने पिछली 16 जनवरी से यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की है।इससे तो यही लगता है कि कुछ छिपाया जा रहा है।