क्यों राजस्थान के सीएम का नाम 'सचिन पायलट' सुनने को बेताब है यूपी का यह गांव
राजस्थान में कांग्रेस की जीत से सचिन पायलट की ननिहाल सकलपुरा लोनी में खुशी का माहौल है। उनके नाना ने राजस्थान में कांग्रेस की जीत को सचिन पायलट की मेहनत का फल बताया है।
नई दिल्ली/लोनी, जेएनएन। राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत दोनों ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ने ही इस पर फैसला लेने का अधिकार आलाकमान पर छोड़ दिया है। वहीं, सचिन पायलट को लेकर उनके परिजनों के साथ ननिहाल के लोग भी काफी उत्साहित हैं।
सचिन पायलट के ननिहाल में खुशी
यहां पर बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस की जीत से सचिन पायलट की ननिहाल सकलपुरा लोनी में खुशी का माहौल है। उनके नाना ने राजस्थान में कांग्रेस की जीत को सचिन पायलट की मेहनत का फल बताया है।
लोनी के सकलपुरा गांव निवासी नैन सिंह की बेटी रमा पायलट की शादी राजेश पायलट के साथ हुई थी।
शादी के बाद रमा और राजेश पायलट सकलपुरा गांव आते रहते थे। गर्मियों की छुट्टियों में रमा व राजेश के बेटे सचिन पायलट भी अपनी ननिहाल में समय गुजारा करते थे।
गांव के लोग सकलपुरा को राजेश पायलट की ससुराल मानने में गर्व करते हैं। लोगों ने धन एकत्र कर उनके नाम से गांव के बाहर राजेश पायलट महाविद्यालय स्थापित कराया है। सचिन पायलट का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित होने पर गांव में खुशी का माहौल है।
गांव के लोग उनके मुख्यमंत्री बनने के कयास लगा रहे हैं। 1964 में सचिन के चचेरे नाना नेपाल सिंह ने खेकड़ा विधानसभा से चुनाव लड़ कर जीत हासिल की थी।
यूपी के सहारनपुर में हुआ है सचिन का जन्म
यहां पर बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के दावेदार सचिन पायलट का सहारनपुर से गहरा रिश्ता है। उनका जन्म सहारनपुर में ही हुआ था। यहां के लोग भी उन्हें खासी तवज्जो देते हैं। यही कारण है कि चुनाव के दौरान उनके विधानसभा क्षेत्र टोंक में सहारनपुर के लोगों ने दो गाड़ियों के साथ वहां चुनाव प्रचार भी किया था।