दिल्ली उपचुनाव में मिली हार से कांग्रेस खुश, नेता बोले- वापस लौट रहा है वोटर
भले ही कांग्रेस ने राजौरी गार्डन सीट पर हुए उपचुनाव में जीत न दर्ज की हो लेकिन पार्टी अपने प्रदर्शन से उत्साहित है। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि पार्टी ने पहले से अच्छा प्रदर्शन किया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली की राजौरी गार्डन सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के संयुक्त उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने जीत दर्ज की है। नतीजों में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही तो वहीं आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई है। सिरसा ने कांग्रेस की उम्मीदवार मीनाक्षी चंदेला को 14,652 वोटों से मात दी है।
अब भले ही कांग्रेस ने राजौरी गार्डन सीट पर हुए उपचुनाव में जीत न दर्ज की हो लेकिन पार्टी अपने प्रदर्शन से उत्साहित है। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि पार्टी ने पहले से अच्छा प्रदर्शन किया है और पार्टी वा जो वोटर उससे दूर हो गया था वह एक बार फिर कांग्रेस की तरफ लौट आया है। कांग्रेस नेता पीसी चाको का कहना है कि उनका वोट प्रतिशत इस चुनाव में काफी बढ़ा है। पार्टी के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के अनुसार हार के बावजूद हम संतुष्ट हैं, क्योंकि अब निगम के चुनाव में हमारा वोट बैंक वापस आएगा, जिसके बाद वहां हमारा प्रदर्शन शानदार रहेगा।
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बता दें कि 15 साल दिल्ली की सत्ता पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी को 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना पड़ा था। 2013 में कांग्रेस को मात्र 8 सीटें मिली थी, तो वहीं 2015 में कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी।
निगम चुनाव में मिलेगा फायदा
राजौरी गार्डन सीट पर हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद भी कांग्रेसी उत्साहित हैं और पार्टी का मानना है कि 23 अप्रैल को होने वाले एमसीडी चुनाव में इसका असर भी देखने को मिलेगा। कांग्रेस पार्टी के लिए उपचुनाव में दूसरे नंबर पर आना संजीवनी की तरह काम करेगा। अगर कांग्रेस एमसीडी में अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहती है, तो दिल्ली की सियासत में उसके लिए यह अच्छा संकेत माना जाएगा।
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'आप' को कड़ी टक्कर
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी पहली बार निगम चुनावों में हिस्सा लेगी। लेकिन इस बीच राजौरी गार्डन उपचुनाव में मिली हार से पार्टी को करारा झटका लगा है। सत्ता में आने के बाद लगातार आलोचनाओं का सामना झेल रही 'आप' के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा। कांग्रेस को मिली कामयाबी भी 'आप' के लिए बड़ी चिंता का विषय है।