भारत बंद बेअसर, कारोबारियों ने बनाई दूरी, लोग बोले- राजनीति से होता है देश का नुकसान
पट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी से लोग परेशान तो हैं, लेकिन भारत बंद इसका समाधान नहीं है। बंद की राजनीति से आम लोगों के साथ-साथ देश का ही नुकसान होता है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ कांग्रेस के भारत बंद का बाहरी दिल्ली में असर न के बराबर रहा। सोमवार को साप्ताहिक अवकाश होने के कारण कई बाजार वैसे ही बंद थे। जिन बाजारों में साप्ताहिक अवकाश नहीं था, वहां के कारोबारियों ने भी बंद से दूरी बनाए रखी। उनका कहना था कि पेट्रोल -डीजल के दामों में बढ़ोतरी से लोग परेशान तो हैं, लेकिन भारत बंद इसका समाधान नहीं है। बंद की राजनीति से आम लोगों के साथ-साथ देश का ही नुकसान होता है।
दुकानें खुलती चली गईं
रोहिणी जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बुध विहार से कंझावला तक रैली निकाली और कुछ स्थानों पर खुली दुकानों को बंद करने की अपील की। जब तक प्रदर्शनकारी मौजूद रहे, लोगों ने अनहोनी के डर से शटर गिरा लिए, लेकिन उनके आगे बढ़ते ही दुकानें खुलती चली गईं। इस दौरान कुछ स्थानों पर यातायात जाम भी लगा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष इंद्रजीत, पूर्व पार्षद शंभू शर्मा, ब्रह्म प्रकाश शर्मा, रिफत खान, संजय पहलवान, मुरारी लाल शर्मा आदि मौजूद रहे।
केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है
आदर्श नगर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हरिकिशन जिंदल के नेतृत्व में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रानी बाग, शालीमार बाग, ज्वालाहेड़ी आदि बाजारों में जाकर प्रदर्शन किया और कुछ देर के लिए यातायात संचालन भी ठप किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में कभी इतनी कीमत नहीं बढ़ी। उस दौरान कुछ पैसे भी बढ़ते थे तो भाजपा के नेता प्रदर्शन पर उतारू हो जाते थे। आज जब पेट्रोल-डीजल के दाम अनियंत्रित हो गए हैं तो केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।