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भाजपा को टक्‍कर देने के लिए सपा-बसपा ने अब तक नहीं खोजा प्रत्‍याशी, कांग्रेस भी लगा रही दांव

कांग्रेस ने अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है लेकिन गठबंधन दलों के कुछ नेता अभी कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने की आस लगाए हुए हैं।

By Edited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 09:17 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 04:20 PM (IST)
भाजपा को टक्‍कर देने के लिए सपा-बसपा ने अब तक नहीं खोजा प्रत्‍याशी, कांग्रेस भी लगा रही दांव
भाजपा को टक्‍कर देने के लिए सपा-बसपा ने अब तक नहीं खोजा प्रत्‍याशी, कांग्रेस भी लगा रही दांव

गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। आम चुनाव 2019 की घोषणा हो चुकी है और गाजियाबाद में पहले ही चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा। अभी तक किसी पार्टी ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए। हालांकि भाजपा के मौजूदा सांसद इसी लोकसभा से फिर से मैदान में उतरने की बात कर चुके हैं। सपा-बसपा व रालोद गठबंधन में यह सीट सपा के हिस्से में आई है, लेकिन अभी पार्टी की ओर से किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। दस से ज्‍यादा सीटें देकर कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने की तैयारी  कांग्रेस ने अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है, लेकिन गठबंधन दलों के कुछ नेता अभी कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने की आस लगाए हुए हैं।

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गठबंधन खेमे के एक बड़े नेता बताते हैं कि कांग्रेस से गठबंधन को लेकर भी अभी उन्हें उम्मीद है। उम्मीद जताई जा रही है कि भले ही शुरुआत में सपा-बसपा ने कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ने की बात की थी, लेकिन अब कांग्रेस के अलग लड़ने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए दस से ज्यादा सीट कांग्रेस को देकर गठबंधन में शामिल करने की तैयारी चल रही है।

गाजियाबाद लोकसभा सीट भले ही सपा के हिस्से में आई हो, लेकिन पिछले रिकार्ड को देखें तो वर्ष 2004 में कांग्रेस के सुरेंद्र गोयल चुने गए, लेकिन इसके बाद 2009 में भाजपा से राजनाथ सिंह व 2014 में जनरल वीके सिंह ने बाजी अपने नाम की है। गाजियाबाद से पूर्व यह सीट हापुड़ लोकसभा सीट में आती थी, जिस पर वर्ष 1991, 1996, 1998 व 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में लगातार चार बार भाजपा से रमेशचंद तोमर ने जीत का परचम लहराया है।

यहां सपा वर्ष 1996 के चुनाव में जरूर दूसरे नंबर की पार्टी रही है। यही वजह है कि पार्टी के कुछ नेता कांग्रेस से गठबंधन की आस के बूते संसद का सफर तय करने की उम्मीद बांधे हुए हैं। गाजियाबाद सीट पर कार्यकर्ता गठबंधन से इतर अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

हरेंद्र कसाना, जिलाध्यक्ष ने बताया कि इस सीट पर जनसहयोग से कांग्रेस का ही कब्जा रहा है और इस चुनाव में बेहतर समीकरण और मौजूदा हालात को देखते हुए पार्टी प्रत्याशी बड़ी जीत दर्ज करेगा।

देवेंद्र कुमार, कांग्रेस के लोकसभा प्रभारी ने कहा कि पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए लोकसभा के तमाम बूथों को मजबूत करने पर बल दिया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। इससे पूर्व में भी कांग्रेस यह सीट अपने नाम कर चुकी है। बाकी जो भी निर्णय हाईकमान लेगी वह माना जाएगा।


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