डिप्टी सीएम ने कहा- राज्य सरकार लंबे पावर कट प्लान कर रही, जानिए क्या दिल्ली में छाने वाला है अंधेरा
Coal Crisis सिसोदिया ने कहा कि यह दुखद है कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने इस तरह गैर जिम्मेदाराना रुख अपनाया है। सिसोदिया ने कहा कि इससे पहले भी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश आक्सीजन संकट के दौर से जूझ रहा था।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को कहा कि केंद्र कोयला संकट होने की बात स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। हर समस्या के प्रति आंखें मूंद लेने की उसकी नीति देश के लिए घातक साबित हो सकती है। सिसोदिया ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि कहीं कोयला संकट नहीं है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र नहीं लिखना चाहिए था।
आक्सीनज संकट को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
सिसोदिया ने कहा कि यह दुखद है कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने इस तरह गैर जिम्मेदाराना रुख अपनाया है। सिसोदिया ने कहा कि इससे पहले भी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश आक्सीजन संकट के दौर से जूझ रहा था। लेकिन, केंद्र ने तब भी उस संकट को स्वीकार नहीं किया था। इसके बजाय वह राज्यों को ही गलत साबित करने की कोशिश करता रहा।
केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार देश को संकट में डाल रही है। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात आदि की सरकारें केंद्र को आगे आने वाले संकट को लेकर आगाह कर रही हैं। कई पावर प्लांट बंद हो चुके हैं। राज्य सरकारें लंबे पावर कट प्लान कर रही हैं, इसके बावजूद केंद्र सरकार अपनी आंखें बंद किए बैठी हुई है। केंद्र सरकार को न तो इस संकट से मतलब है और न ही उसका समाधान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस समय केंद्र सरकार जिम्मेदार सरकार के रूप में ये स्वीकार करे कि देश में कोयले का संकट है और उसका समाधान निकाले, न कि राज्य सरकारों को झूठा ठहराए।
केंद्र सरकार देश चलाने में पूरी तरह असमर्थ
सिसोदिया ने कहा कि कोयला संकट पर केंद्र की भाजपा सरकार का ये उदासीन रवैया देश को ऊर्जा संकट की ओर धकेल रहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए इसे अफवाह बता रहे हैं और राज्यों को ही गलत कह रहे हैं। इससे साबित होता है कि केंद्र की भाजपा सरकार देश चलाने में पूरी तरह असमर्थ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास इस संकट से देश को निकालने का कोई प्लान नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। एक सवाल के जवाब में सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले पावर प्लांटों में कोयले का स्टाक 24 घंटे का बचा तो हमें भी पावर कट के लिए प्लान करना पड़ेगा।