Delhi: आग के मुहाने पर मुखर्जी नगर के सभी कोचिंग सेंटर, नियमों को रखा ताक पर; बच्चों की जान के साथ खिलवाड़
दिल्ली के मुखर्जी नगर को आइएएस-पीसीएस जैसे अधिकारी बनने की चाहत रखने वालों का मक्का कहा जाता है। यहां पर पांच हजार से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं। यहां पर देश भर के लाखों छात्र अफसर बनने की चाहत में आते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के मुखर्जी नगर को आइएएस-पीसीएस जैसे अधिकारी बनने की चाहत रखने वालों का मक्का कहा जाता है। यहां पर पांच हजार से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं। यहां पर देश भर के लाखों छात्र अफसर बनने की चाहत में आते हैं, लेकिन यह जगह उनके लिए किसी बारूद से कम नहीं हैं।
यहां का रिहायशी और कमर्शियल इलाका तारों के जालों से कुछ इस तरह से गूंथा हुआ है कि अलग कर पाना मुश्किल है। किस घर में किराये पर लोग रह रहे हैं, कौन सा घर रिहायशी है और कौन सी इमारत का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है। यह कहना कठिन है।
यहां की इमारतें ऐसी हैं कि उनमें ना तो आपातकालीन द्वार और नही आग से बचाव के साधन। ऐसे में यहां पढ़ने वाले लाखों छात्र न तो कोचिंग सेंटर में सुरक्षित हैं और न ही जहां वे रहते हैं।
नियमों दरकिनार कर चल रहे कोचिंग सेंटर
वर्ष 2019 में गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में लगी आग से 20 से अधिक छात्रों की मौत हुई थी। इस हादसे के बाद दिल्ली में कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा का मुद्दा जोर शाेर से उठाया गया था। लेकिन कागजी घोड़े दौरान वाला सरकारी तंत्र अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है।
दिल्ली अग्निशमन विभाग के अनुसार, 15 मीटर की ऊचाईं वाली इमारत को फायर एनओसी लेने जरूरी है, जबकि 15 मीटर से कम ऊंचाई वाली इमारत को फायर एनओसी लेने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि इमारत का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें रोजाना 50 से अधिक लोगों आते हैं ऐसी इमारतों को एनओसी लेना जरूरी है। चाहे वह 15 मीटर की ऊंचाई से अधिक हो या फिर कम।
दिल्ली में मुखर्जी नगर, लक्ष्मी नगर आदि इलाके में संचालित कोचिंग सेंटर की इमारतें 15 मीटर से अधिक की ऊंचाई हैं। लेकिन संबंधित विभागों के अधिकारियों को ले देकर नियमों काे दरकिनार किया जा रहा है।
रोजाना 100 से अधिक लग रही आग
राजधानी में वर्तमान समय में पारा चढ़ने के साथ ही आग लगने की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। रोजाना औसतन दिल्ली भर में 100 से अधिक आग लगने की घटनाएं हो रही है। गत सोमवार को दिल्ली में सबसे ज्यादा 123 काल आईं।
आग लगने की कॉल्स के पुराने आंकड़े
वर्ष आग की कॉल कुल कॉल
2023 3797 6665
2022-23 17043 31958
2021-22 14268 27343
2020-21 15158 25709
2019-20 17231 31157
हादसों में मौत के आंकड़े
वर्ष आग से मौत
2023 09
2022-23 95
2021-22 55
2020-21 41
2019-20 100
(नोट: वर्ष 2023 के आंकड़े एक अप्रैल से 12 जून 2023 के बीच के हैं, अन्य आंकड़े एक अप्रैल से 31 मार्च तक के हैं)
रिपोर्ट इनपुट- धनंजय मिश्रा