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यूपीः अपने एक घंटे के भाषण में योगी आदित्यनाथ ने जता दिए अपने इरादे

जिस तरह से छात्रों ने मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान तालियां व जयघोष किया, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री युवा और देश को संभालने वाली भावी पीढ़ी में अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 08:51 AM (IST)
यूपीः अपने एक घंटे के भाषण में योगी आदित्यनाथ ने जता दिए अपने इरादे
यूपीः अपने एक घंटे के भाषण में योगी आदित्यनाथ ने जता दिए अपने इरादे

नोएडा (धर्मेंद्र चंदेल/प्रवीण विक्रम सिंह/मनीष तिवारी)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) के शैक्षिक सत्र के शुभारंभ पर फुलफॉर्म में नजर आए। उन्होंने एक घंटे पांच मिनट के भाषण में जहां बौद्ध धर्म का विस्तार से गुणगान कर दलितों के दिल को जीतने का प्रयास किया, वहीं देश के विभिन्न राज्यों एवं शहरों के रहने वाले छात्रों को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री जानते थे कि साढ़े तीन हजार से अधिक इन युवाओं के जरिये समूचे देश को संदेश जाएगा। इसलिए उन्होंने मौके को भुनाने में कसर नहीं छोड़ी। हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी भी राजनीतिक दल का नाम न लेकर कार्यक्रम का राजनीतिकरण नहीं होने दिया, लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में अपनी बातें युवाओं तक पहुंचाकर 2019 के लिए अपने एवं भाजपा के इरादे भी स्पष्ट कर दिए। अपने भाषण में बेरोजगारों के लिए स्टार्टअप योजना, कौशल विकास आदि को उठाकर मुख्यमंत्री ने यह भी जता दिया कि युवा केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में हैं। जिस तरह से छात्रों ने मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान तालियां व जयघोष किया, उससे साफ है कि मुख्यमंत्री युवा और देश को संभालने वाली भावी पीढ़ी में अपनी अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे।

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उन्होंने युवाओं को यह बात समझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली है, तब वे दुनिया में भारत की धाक जमी है। देश बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है। भ्रष्टाचार, आतंकवाद और नक्सलवाद समाप्ति की तरफ है। केंद्र व भाजपा शासित राज्य सरकारों के कार्यों में पारदर्शिता आई है।

उन्होंने जातिवाद और भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि मोदी और योगी शासन काल में इनके लिए कोई जगह नहीं है। दोनों सरकारें सिर्फ नए राष्ट्र निर्माण की तरफ बढ़ रही हैं। कुछ दल इसमें अड़चन पैदा करना चाहते हैं। योगी ने यह संदेश भी दे दिया कि सरकार के इरादे अडिग हैं। देशहित में कड़े फैसले लिए जाएंगे। किसी के दबाव में सरकार के कदम पीछे नहीं हटेंगे। दलित, शोषित, पिछड़े एवं गरीबों के उत्थान की बात कर युवाओं के मन को छूने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री युवाओं को यह संदेश देने में भी कामयाब रहे कि वे जाति, धर्म से ऊपर उठकर देशहित में आतंकवाद, नक्सलवाद, क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार, असमानता व भाषावाद पर चोट करें। इन्हें जड़ से समाप्त करने की तरफ सोचें। देश की नई छवि गढ़ने का काम करें, तभी नए राष्ट्र का निर्माण होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार ही सरकार के कामों का अकेला पैमाना नहीं है। सरकार प्रधानमंत्री की योजना के तहत महिलाओं, गरीबों, दिव्यांगों और दलितों को स्वरोजगार के लिए एक लाख रुपये तक की ऋण योजना के तहत कर्ज देती है। इसके अलावा 25 लाख तक की भी एक अन्य ऋण योजना भी है। स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवाओं में कौशल पैदा कर उन्हें इस लायक बनाया जा रहा है, जिससे वे दूसरों को भी रोजगार दे सकें।

ब्रांड योगी ने दस साल बाद जगाई जीबीयू के हाउसफुल होने की उम्मीद

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) पिछले दस सालों से विद्यार्थियों का टोटा झेल रहा है। यही कारण है कि वह पूरी तरह से नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर निर्भर रहता है। शुक्रवार को पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री व जीबीयू के कुलाधिपति ब्रांड योगी आदित्यनाथ दस साल बाद जीबीयू के हाउसफुल होने की उम्मीद जगा गए। जीबीयू में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कुलाधिपति ने विद्यार्थियों को संबोधित किया हो। इससे पहले विवि के कुलाधिपति रहे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नोएडा आने पर सरकार चले जाने के मिथक के चलते कभी जीबीयू नहीं आए। वह कभी जीबीयू के विद्यार्थियों से रूबरू नहीं हुए। जीबीयू की सीटें खाली रहने के पीछे एक कारण यह भी माना जाता है कि अब तक की सरकारों ने विवि को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई, बल्कि प्राधिकरण पर विवि का बोझ डाल दिया।

योगी आदित्यनाथ के आने के बाद विवि के विद्यार्थियों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। विद्यार्थियों की मानें तो कुलाधिपति को समय-समय पर विद्यार्थियों के बीच आना चाहिए और उनसे रूबरू होना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों को लगे कि वह जहां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उसका भी कोई है। योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में भी कहा कि जीत उसी की होती जो मेहनत करता है। जीबीयू की सीटें भी एक दिन शत प्रतिशत भरेंगी। बस जरूरत है तो सही दिशा में चलने और मेहनत करने की। पचास फीसद सीटें ही भरीं

विवि में सत्र 2018-19 में 2236 सीटों पर दाखिले होने हैं। लेकिन सत्र शुरू होने तक महज पचास फीसद सीटें ही भर सकी हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विवि में संचालित पाठ्यक्रम की 50 फीसद सीटें अब भी खाली हैं। यह कोई पहली बार नहीं है, जब विवि की सीटें खाली रही हैं, पिछले दस सालों से ऐसा होता आ रहा है।

सीएम ने विकास की बात कहकर युवाओं में जगाई नई आस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन के माध्यम से युवाओं के मन पर अमिट छाप छोड़ी। जहां एक तरफ उन्होंने तकनीक के माध्यम से भ्रष्टाचार पर लगाम, विकास व सरकारी राजस्व में लाभ की बात की तो दूसरी तरफ युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रेरित किया। युवाओं के लिए चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से युवाओं में जोश भरा कि वह अपनी शक्ति को पहचाने व देश के विकास में भागीदार बनें।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सरकार ने तकनीक के माध्यम से प्रहार किया। प्रदेश में 16 नगर निगम हैं, जहां पर दस लाख से अधिक स्ट्रीट लाइट लगी हैं। प्रतिमाह बिजली का बिल करोड़ों रुपये में आता था। बल्ब की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार भी होता था। कई स्थानों पर लाइट जलती भी नहीं थी और बिजली का बिल आता रहता था। सुधार के लिए सरकार ने एक निजी कंपनी से करार किया। करार के तहत स्ट्रीट लाइट के सात लाख बल्ब बदले जा चुके हैं। बचे हुए तीन लाख बल्ब भी जल्द बदल दिए जाएंगे। इससे जहां भ्रष्टाचार रुका, वहीं प्रतिमाह बिल में 125 करोड़ रुपये की बचत शुरू हो गई। बताया प्रदेश में सार्वजनिक राशन वितरण की 80 हजार दुकाने हैं। इनमें से 13 हजार शहर व 67 हजार गांवों में हैं। गोदाम से निकलने वाला राशन दुकानों व आम आदमी तक नहीं पहुंचता था।

राशन कार्डों का सत्यापन कराया गया और उन्हें आधार से लिंक किया गया। जांच में तीस लाख फर्जी राशन कार्ड पकड़ में आए। साथ ही आम आदमी के लिए सार्वजनिक वितरण की किसी भी दुकान से राशन लेने की सुविधा शुरू की गई। आम आदमी को योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ और फर्जीवाड़ा रुकने से सरकार को बचत हुई। कहा सरकार हर नवजवान को नौकरी नहीं दे सकती। बड़ी संख्या में ऐसे युवा भी हैं जो नौकरी नहीं करना चाहते। ऐसे युवा स्वयं का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं।

गाजियाबाद के विद्यार्थियों के गोबर गैस प्लांट के स्टार्टअप को सराहा। बताया कि युवाओं ने उन्हें अपना प्रोजेक्ट दिखाया। इसमें गोबर देने पर आम आदमी को मुफ्त में गैस मिलेगी। देवरिया के युवा द्वारा ठोस कचरा निस्तारण के लिए बनाए गए एटीएम को भी उन्होंने खूब सराहा। बताया कि युवा ने बिजली का ऐसा खंभा भी तैयार किया है जो कई खूबियों से युक्त है। कहा युवाओं को चाहिए वह अपने हुनर को निखारें। युवाओं के लिए सरकार ने स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम शुरू किया है। एक साल के दौरान साढ़े चार लाख युवा प्रशिक्षण ले चुके हैं। लगभग ढाई लाख युवाओं को रोजगार भी मिल चुका है। उन्होंने स्टार्टअप व स्किल डेवलपमेंट की बात कहकर युवाओं में नया करने की आस जगाई।


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