अभिनेता सोनू सूद के घर और आफिस पर आयकर विभाग की टीम के सर्वे पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कही ये बात
अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि सच्चाई के रास्ते पर लाखों मुश्किलें आती हैं लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है। सोनू सूद(Sonu Sood) जी के साथ भारत के उन लाखों परिवारों की दुआएं हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बालीवुड अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद के घर और आफिस पर आयकर विभाग की टीम के सर्वे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि सच्चाई के रास्ते पर लाखों मुश्किलें आती हैं, लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है। सोनू सूद(Sonu Sood) जी के साथ भारत के उन लाखों परिवारों की दुआएं हैं जिन्हें मुश्किल घड़ी में सोनू जी का साथ मिला था।
बुधवार की शाम को एक खबर आई कि बॉलीवुड अभिनेता और समाजसेवी सोनू सूद के आफिस और घर पर आयकर विभाग की टीम सर्वे के लिए पहुंची, ये सर्वे मुंबई में उनके घर और दफ़्तर पर चल रहा है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, टीम ने सोनू सूद के छह ठिकानों पर सर्वे किया है। ये सर्वे आय से अघिक संपत्ति मामले के हैं। जानकारी के अनुसार ये सर्वे सोनू सूद से जुड़े अकाउंट बुक में गड़बड़ी का आरोपों की जांच के लिए किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से ये भी बताया गया कि ये कोई रेड नहीं है बल्कि केवल सर्वे है जिसमें फिलहाल कुछ सीज नहीं किया गया है।
आपको भी मालूम हो कि सोनू सूद कोरोना महामारी के दौर में अपने सामाजिक कार्यों के लिए काफी चर्चित थे। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सोनू ने तमाम जरूरतमंदों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए उल्लेखनीय काम किया था। उन्होंने लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए प्राइवेट बसों और हवाई जहाजों तक का इंतजाम किया था, इसके लिए उन्होंने खुद पैसे खर्च किए थे। सोनू सूद जिस तरह से लोगों की मदद कर रहे थे उसको देखते हुए ट्विटर पर सोनू से मदद मांगने वालों की बाढ़ सी आ गयी थी। और तो और सोनू ने लोगों की मदद के लिए बकायदा एक हेल्पलाइन तक चालू कर दी थी और एक बड़ी टीम का गठन कर दिया था जिससे लोगों को मदद मिल रही थी।
पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने सोनू को मेंटरशिप प्रोग्राम का चेहरा बनाया है। इसके लिए दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोनू सूद के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस कार्यक्रम के तहत सोनू ऐसे बच्चों का मार्गदर्शन करेंगे, जो सुविधा सम्पन्न नहीं हैं। वहीं, पढ़े-लिखे लोगों को भी इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।