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वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए गुरुद्वारा समिति की खास पहल, स्वच्छ हवा के लिए बनाया एयर हेवन

गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में बुधवार को एयर हेवन का उद्घाटन किया जा रहा है। ब्रिटिश कंपनी के सहयोग से इसे बनाया गया है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 11:38 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 12:16 PM (IST)
वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए गुरुद्वारा समिति की खास पहल, स्वच्छ हवा के लिए बनाया एयर हेवन
वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए गुरुद्वारा समिति की खास पहल, स्वच्छ हवा के लिए बनाया एयर हेवन

नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। राजधानी की जहरीली हो रही आबोहवा से संगत को बचाने के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने अनूठी पहल की है। कमेटी ने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में एयर हेवन का निर्माण किया है जिसमें संगत स्वच्छ हवा में सांस ले सकेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत हो रही है और इसका परिणाम देखने के बाद अन्य गुरुद्वारों और कमेटी के संस्थानों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है।

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दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। समस्या हल करने के बजाय इसपर सियासत भी खूब होती है। वहीं, राजधानी की आबोहवा को सुधारने के लिए डीएसजीपीसी अपने स्तर पर काम कर रही है। इसी कड़ी में गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में बुधवार को एयर हेवन का उद्घाटन किया जा रहा है। ब्रिटिश कंपनी के सहयोग से इसे बनाया गया है।

30 मीटर लंबाई और 30 मीटर चौड़ाई वाले इस घेरे में कोई छत नहीं है। इसके चारों ओर चिमनी लगी है जो हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व को सोख लेता है। इससे वहां की हवा बिल्कुल स्वच्छ हो जाती है। घेरे के अंदर रहने वालों को तो स्वच्छ हवा मिलती ही है, आसपास का क्षेत्र भी प्रदूषण मुक्त हो जाता है। कमेटी के नवीनीकरण ऊर्जा इकाई के संयोजक हरजीत सिंह जीके के अनुसार देश में पहली बार इस तरह की व्यवस्था की जा रही है। अब तक के परीक्षण में इसका परिणाम बेहद उत्साहवद्र्धक रहा है।

सौर ऊर्जा को भी दिया जा रहा है बढ़ावा : पर्यावरण संरक्षण को लेकर कमेटी कई अन्य कदम भी उठा रही है।गुरुद्वारा बंगला साहिब, गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब, नानक प्याऊ और गुरुद्वारा मजनू का टीला सहित कमेटी के चार स्कूलों में सोलर पैनल लगाए गए हैं जिससे एक मेगावाट बिजली मिल रही है। 11 अन्य स्कूलों में सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं और इस महीने के अंत तक गुरुद्वारों व स्कूलों से 1.5 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।

गुरुपर्व पर नहीं होती है आतिशबाजी: पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर गुरुपर्व पर आतिशबाजी नहीं की जाती है। इसके लिए संगत व बच्चों को भी जागरूक किया जाता है जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इसके साथ ही पौैधरोपण के लिए कमेटी की ओर से मुहिम चलाई जाती है।


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