राष्ट्रस्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में बच्चों ने जीता देश का दिल
अॉनलाइन आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में देश के 24 राज्यों के 400 स्कूलों से 12 हजार से ज्यादा बच्चों ने अपना कला का जादू बिखेरा।
नई दिल्ली (रीतिका मिश्रा)। लॉकडाउन के असर से गंगा नदी पर बड़ा ही सकारात्मक असर पड़ा और कई सालों बाद नदी निर्मल एवं शुद्ध हो पायी। गंगा नदी की इस सुंदरता के महत्व को समझते हुए अतुल्य गंगा संस्था ने एक मुहीम छेड़ी, जिसका उद्देश्य लॉकडाउन में साफ हुई गंगा नदी का चित्रण कर बच्चों और बड़ों को नदी की वर्तमान स्तिथि के बारे में जागरूक करना था।
प्रतियोगिता का विषय था ‘मेरे रंगों से मेरी गंगा’। अॉनलाइन आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में देश के 24 राज्यों के 400 स्कूलों से 12 हजार से ज्यादा बच्चों ने अपना कला का जादू बिखेरा। वहीं, 13 जजों ने मिलकर प्रतियोगिता के परिणाम के लिए कई उत्कृष्ट पेंटिंग का चुनाव किया और विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया।
जजों की टोली में सभी कला और साहित्य जगत के दिग्गज शामिल थे। प्रतियोगिता में जज बने कला के एक शिक्षक ने बताया कि देशभर से आए 12 हजार से ज्यादा चित्रों का विश्लेषण करना एक कड़ी चुनौती थी पर इस पर खरे उतरना और बच्चों के कौशल को दुनिया से सामने प्रस्तुत करना बहुत प्रेरणादायक रहा।
अतुल्य गंगा के संस्थापक कर्नल मनोज केश्वर ने बताया कि इस प्रतियोगिता में बच्चों के उत्साह ने संस्था को एक नयी ऊर्जा दी है। देश भर से मिली बच्चों की कला प्रवष्टियों को देखकर महसूस हुआ की बच्चे गंगा को लेकर कितने जागरूक हैं। इस प्रतियोगिता के जरिए संस्था ने बच्चों को देश की परम्परा और संस्कृति से जोड़ने की कोशिश की है और यह सफल रहा। संस्था द्वारा आगे भी ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन अवश्य किया जाएगा।
वहीं, जिंदल पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य उत्तम सिंह ने बताया कि उनके स्कूल के छात्रों ने अपने घरों से ही अॉनलाइन माध्यम से इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल की कक्षा तीन की छात्रा संस्कृति सिंह को प्रतियोगिता की जूनियर केटेगरी में पुरस्कृत किया गया।