तड़पते हुए मासूम ने तोड़ा दम, ठीक से बात नहीं करते डॉक्टर, मोबाइल में रहते हैं व्यस्त
बच्चे की मां ने बताया कि जब भी वह रात को अस्पताल आए तो कोई भी डॉक्टर ठीक से बात नहीं करते थे। डॉक्टर मोबाइल में ही व्यस्त रहते थे।
फरीदाबाद, जेएनएन। सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों को न केवल दुत्कारा जाता है बल्कि भर्ती करने के नाम पर दवा देकर टरका दिया जाता है। एक ऐसा ही संवेदनशील मामला मंगलवार को सामने आया है। टाउन नंबर तीन स्थित ईएसआइ अस्पताल और बादशाह खान अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत हो गई।
ठीक से बात नहीं करते थे डॉक्टर
सेक्टर-23 संजय कॉलोनी में रहने वाले बलराम ने बताया कि उनके 11 माह के बेटे निखिल का दस्त और उल्टियों के चलते 15 दिन से ईएसआइ अस्पताल से इलाज चल रहा था। जबकि परिजन बच्चे को भर्ती कराना चाहते थे लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया था। हालत खराब होने की वजह से बच्चा तीन रात से सो नहीं सका था। बच्चे की मां ने बताया कि जब भी वह रात को अस्पताल आए तो कोई भी डॉक्टर ठीक से बात नहीं करते थे। डॉक्टर मोबाइल में ही व्यस्त रहते थे।
नहीं किया भर्ती
मंगलवार को बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो परिजन उसे लेकर बादशाह खान अस्पताल पहुंचे, लेकिन वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया। उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया गया कि इस बच्चे की दवाई दूसरे अस्पताल से चल रही है, इसका इलाज वहीं होगा।
लापरवाही की वजह से हुई मौत
परिजन बच्चे को लेकर वापस ईएसआइ अस्पताल आए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्चे की मौत हुई है। इस मामले की शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है और न ही परिजन बच्चे का पोस्टमार्टम कराना चाहते हैं।