दिल्लीः बच्चों को जल्द मिलेगी एम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधा, शनिवार को हो सकता है शिलान्यास
गीता कॉलोनी स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय जल्द ही बच्चों के सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में तब्दील होने जा रहा है।
नई दिल्ली(स्वदेश कुमार)। पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय जल्द ही बच्चों के सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में तब्दील होने जा रहा है। इसके लिए मौजूदा अस्पताल के ही विस्तार की योजना पर काम शुरू हो गया है। अस्पताल के पास ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की तरफ से मिली दस हजार वर्गमीटर की जमीन पर अलग सेंटर बनेगा। इसमें बच्चों के हृदय, न्यूरो के साथ ट्रामा सेंटर सहित अन्य सुपरस्पेशियलिटी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें ब्लड बैंक भी होगा। इसके अस्तित्व में आने के बाद यह बच्चों के मामले में एम्स का विकल्प भी बन सकता है। यहां हर तरह की इलाज की सुविधा मौजूद होगी।
शनिवार को इसके निर्माण कार्य का शिलान्यास करने की तैयारी है। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में बच्चों का अस्पताल है। इसमें फिलहाल काफी सुविधाएं हैं, लेकिन हृदय और न्यूरो से जुड़े मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जाता है। इस समय अस्पताल की क्षमता 221 बेड की है। अस्पताल में दिल्ली और आसपास के राज्यों के मरीज भी पहुंचते हैं। इस वजह से भीड़ काफी बढ़ चुकी है। अस्पताल में ओपीडी में रोजाना करीब 1200 मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की संख्या भी प्रतिदिन 35 से 40 है।
अस्पताल के विस्तार की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसके लिए योजना बनी। डीडीए से जमीन मांगी गई और उसने करीब दो साल पहले जमीन आवंटित भी कर दी, जो अस्पताल के साथ में ही है। लेकिन उस जमीन पर पार्किंग माफिया का कब्जा था। इसके साथ तत्कालीन प्रबंधन ने तेजी नहीं दिखाई। इस वजह से योजना ठप हो गई।
कुछ महीने पहले ही चाचा नेहरू अस्पताल के निदेशक बनाए गए डॉ. बीएल शेरवाल ने इस योजना पर तेजी से काम करना शुरू किया। जमीन को खाली करवाया गया। इसके बाद अब निर्माण की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। डॉ. शेरवाल ने बताया कि 500 बेड का नया सेंटर बनाने की तैयारी है। इसमें बच्चों को सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल की सारी सुविधाएं मिलेंगी। इसमें ट्रामा सेंटर भी बनाया जाएगा ताकि गंभीर हालत में पहुंचे बच्चों को तुरंत इलाज मिल सके।
अस्पताल में फिलहाल हृदय और न्यूरो की कुछ सुविधाएं नहीं हैं, जो इस नए सेंटर में होंगी। इसके साथ अलग ब्लड बैंक और लेबोरेटरी भी बनाई जाएगी। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनें लाई जा रही हैं। मौजूदा अस्पताल में फिलहाल 13 वेंटिलेटर हैं, जो कम पड़ जाते हैं। कई मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल पाता है। नए सेंटर में इतने ही वेंटिलेटर और लगाने की योजना है। इसके साथ नए सेंटर में बच्चों की नर्सरी का भी विस्तार किया जाएगा।
अस्पताल के नए सेंटर में हैप्पीनेस थेरेपी की भी शुरुआत होगी। यह बिल्कुल अलग तरह की प्रक्रिया होगी, इसके बारे में अभी लोगों को कम जानकारी है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम तैयार हो रही है। डॉक्टरों की कमी भी होगी पूरी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल की सुविधाओं में फिलहाल डॉक्टरों की कमी सबसे बड़ा रोड़ा है।
दरअसल चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय सोसायटी की तर्ज पर अस्पताल बना है। सोसायटी की तर्ज पर बने अस्पतालों में दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की अपेक्षा में सुविधाएं और वेतन बहुत कम है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर मिलने मुश्किल हो जाते हैं। डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि सरकार इसे लेकर गंभीर है। जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा।
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