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नोटबंदी : दिल्ली में केंद्र सरकार के सभी अस्पताल होंगे कैशलेस

देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों में शुमार सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल व लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के दोनों अस्पतालों ने स्वाइप मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 14 Dec 2016 10:56 AM (IST)Updated: Wed, 14 Dec 2016 09:23 PM (IST)
नोटबंदी : दिल्ली में केंद्र सरकार के सभी अस्पताल होंगे कैशलेस

नई दिल्ली (रणविजय सिंह)। नोटबंदी के बाद कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने में जुटी केंद्र सरकार के सभी बड़े अस्पताल भी कैशलेस होंगे। कैबिनेट सचिव ने सभी अस्पतालों को कैशलेस भुगतान शुरू करने का निर्देश जारी किया है। इसके मद्देनजर देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों में शुमार सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल व लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के दोनों अस्पतालों ने स्वाइप मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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अगले सप्ताह से इन सभी अस्पतालों में कैशलेस भुगतान की सुविधा शुरू हो जाएगी। इस पहल से नोटबंदी के कारण नकदी की समस्या से जूझ रहे लोगों को इलाज में दिक्कत नहीं आएगी। दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में केंद्र सरकार के अस्पतालों की बड़ी भागीदारी है। विशेषकर गंभीर बीमारियों का इलाज एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के कलावती शरण और सुचेता कृपलानी अस्पताल में ही होता है। स्वायत्तशासी चिकित्सा संस्थान एम्स ने कैशलेस भुगतान के लिए पहले ही पहल शुरू कर दी थी।

इसके बाद अब कैबिनेट सचिव ने सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों को भी कैशलेस भुगतान शुरू करने का निर्देश दिया है। हालांकि, सरकारी अस्पताल होने के नाते इनमें ज्यादातर चिकित्सा सुविधाएं मुफ्त हैं।

डॉक्टरों का परामर्श, सर्जरी और कई तरह की जांचें मुफ्त होती हैं। इसके बावजूद अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआइ, डॉप्लर आदि जांच के लिए 50 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक शुल्क तय है। इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल में मधुमेह पीड़ित मरीजों के लिए उनके पैर की बनावट के अनुरूप जूते डिजाइन किए जाते हैं। उन जूतों को कम कीमत पर मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है।

500 और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद होने पर सफदरजंग अस्पताल प्रशासन ने हर तरह की जांच मुफ्त कर दी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने अब इस आदेश को वापस ले लिया है। इसलिए अब मरीजों की निशुल्क जांच नहीं की जा रही है। इलाज की कैशलेस व्यवस्था लागू करने के लिए अस्पताल को 15 स्वाइप मशीन की जरूरत है, लेकिन अभी अस्पताल परिसर में मौजूद बैंक ऑफ बड़ौदा से पांच स्वाइप मशीनें मांगी गई हैं।

बैंक ने मांग ज्यादा और स्वाइप मशीन की उपलब्धता कम होने का हवाला देकर इस सप्ताह दो मशीनें उपलब्ध कराने की बात कही है। शनिवार तक अस्पताल प्रशासन को दो स्वाइप मशीनें उपलब्ध हो जाएंगी। अन्य तीन मशीनें एक-दो सप्ताह में उपलब्ध होंगी। आरएमएल अस्पताल में भी कैशलेस भुगतान के बारे में फैसला ले लिया गया है और बैंक से स्वाइप मशीनें मांगी गई हैं।

इस अस्पताल में भी जल्द कैशलेस भुगतान की सुविधा शुरू हो जाएगी। वहीं, लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने स्वाइप मशीन उपलब्ध करा दी है। मरीज नकदी उपलब्ध नहीं होने पर डेबिट व क्रेडिट कार्ड से शुल्क भुगतान कर सकेंगे।

कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके राय ने कहा कि कर्मचारियों व डॉक्टरों को कैशलेस लेन-देन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए अगले सप्ताह नीति आयोग तीन दिन का शिविर लगाएगा।


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