वैवाहिक दुष्कर्म को लेकर लगाई PIL का केंद्र सरकार ने HC में किया विरोध
इन याचिकाओं में पत्नी से अप्राकृतिक संबंध बनाने के खिलाफ भी याचिका शामिल है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने वैवाहिक दुष्कर्म को लेकर लगाई गईं जनहित याचिकाओं का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इस पर समाज में व्यापक सहमति व विचार विमर्श की आवश्यकता है। केंद्र ने यह भी कहा कि वैवाहिक दुष्कर्म अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा व दक्षिण अफ्रीका जैसे सभी देशों में प्रतिबंधित है, लेकिन इस पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाओं में आइपीसी की धारा- 375 को गैर संवैधानिक करार देते हुए इसे हटाने की मांग की गई है।
कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इस धारा के तहत पुरुषों को अपनी पत्नी से जबरन संबंध बनाने की छूट मिली हुई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 28 अगस्त तक केंद्र को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।
यह याचिकाएं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा लगाई गई हैं। याचिकाओं में कहा गया है कि इस कानून में 15 साल से ऊपर की उम्र की नाबालिग पत्नी से जबरन संबंध बनाने को भी बाहर रखा गया है। इतना ही नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने दायर इन याचिकाओं में पत्नी से अप्राकृतिक संबंध बनाने के खिलाफ भी याचिका शामिल है।
वैवाहिक दुष्कर्म अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा व दक्षिण अफ्रीका जैसे सभी देशों में प्रतिबंधित है। इन याचिकाओं में पत्नी से अप्राकृतिक संबंध बनाने के खिलाफ भी याचिका शामिल है।