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दिल्ली में केंद सरकार कराएगी जैविक खेती, सभी तैयारियां हो चुकी हैं पूरी

केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली के लोगों को दिल्ली में ही तैयार किया गया जैविक अनाज मिल सके। सरकार की योजना के तहत जैविक खेती गांव के लोग ही करेंगे।

By Edited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 10:39 PM (IST)
दिल्ली में केंद सरकार कराएगी जैविक खेती, सभी तैयारियां हो चुकी हैं पूरी
दिल्ली में केंद सरकार कराएगी जैविक खेती, सभी तैयारियां हो चुकी हैं पूरी

नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। दिल्ली की 30 हजार हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती होगी। इस खेती के लिए केंद्र सरकार आर्थिक मदद किसानों को देगी। पहले चरण में ढाई हजार एकड़ भूमि चुनी गई है। इसके लिए 36 करोड़ की राशि का प्रस्ताव दिल्ली के विकास विभाग ने बनाया है। जिसमें से केंद्र सरकार ने 4 करोड़ की राशि की स्वीकृति दे दी है।

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जैविक खेती गांव के लोग ही करेंगे
दिल्ली में इस समय 30 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती हो रही है। दिल्ली के 360 गावों में से 90 गांवों में यह खेत हैं। उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से नरेला तक खेती की अधिक जमीन है। केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली के लोगों को दिल्ली में ही तैयार किया गया जैविक अनाज मिल सके। सरकार की योजना के तहत जैविक खेती गांव के लोग ही करेंगे।

हर साल होगी मिट्टी की जांच 
विभाग की ओर से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। भारत सरकार से पंजीकृत सात कंपनियों को काम दिया गया है। ये कंपनियां किसानों को बीज, दवाइयां व खाद उपलब्ध कराएंगी। इसके बाद फसल को कंपनियां ही खरीदेंगी। कंपनियां पैकेट बनाकर तैयार होने वाले अनाज को बेचेंगी। जिस भूमि पर जैविक खेती होगी उस खेत की मिंट्टी की केंद्र सरकार की लैब से प्रत्येक वर्ष जांच होगी।

प्रत्येक गांव में बनाया जाएगा क्लस्टर 
कृषि कार्य से जुड़े विभाग के एक विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रत्येक गांव में एक क्लस्टर बनाया जाएगा। जिसमें 20 से लेकर 50 किसान शामिल किए जाएंगे। एक क्लस्टर में 50 एकड़ जमीन शामिल की जाएगी। शुद्ध जैविक अनाज तीन साल बाद तैयार होगा। पहले साल में तैयार होने वाले अनाज के जैविक होने का असर कम रहेगा। दूसरे साल अधिक होगा। जबकि तीसरे साल अनाज पूरी तरह जैविक बन सकेगा।

सभी तैयारियां हो चुकी हैं
किसान कोई भी फसल उगा सकेंगे। मगर एक क्लस्टर में एक ही फसल होगी। एक क्लस्टर का क्षेत्र 50 एकड़ का होगा। सभी तैयारियां हो चुकी हैं। विभाग व कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। उसके बाद कंपनियां अपना काम शुरू कर देंगी।


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