लालकिले के चप्पे-चप्पे पर होगी कैमरे की नजर, होने जा रहे हैं बड़े बदलाव
एएसआइ की यह चिंता भी रही है कि सुरक्षा के अभाव में कहीं लालकिले को ढांचागत नुकसान न पहुंच जाए। इसलिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय किया गया है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। ऐतिहासिक लालकिले की सुरक्षा एवं निगरानी के लिए पहली बार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस कार्य पर दस करोड़ रुपये का बजट व्यय किया जाएगा। दरअसल, सेना हटाने के बाद लाल किले की सुरक्षा चाक-चौबंद करने को लेकर विचार-विमर्श चल रहा था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) की यह चिंता भी रही है कि सुरक्षा के अभाव में कहीं लालकिले को ढांचागत नुकसान न पहुंच जाए। इसलिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय किया गया है।
लगाए जाएंगे 450 सीसीटीवी कैमरे
सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए एएसआइ ने राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) से अनुबंध किया है। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम पूरे लालकिला परिसर में 450 सीसीटीवी कैमरे लगाएगा। इनके लिए नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा, जहां घंटे 24 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। एनबीसीसी अनुबंध के तहत तीन साल तक निगरानी व्यवस्था भी संभालेगा। जल्द ही टेंडर जारी कर पांच माह में इसे अमली जामा पहना दिया जाएगा।
किए जाएंगे व्यवस्थागत सुधार
दिल्ली गेट से लाहौरी गेट के बीच का रास्ता भी मुगलकालीन स्टाइल में नए सिरे से बनाया जाएगा और लालकिले में बने संग्रहालयों में लाइटिंग और वातानुकूलन की व्यवस्था भी की जाएगी। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के एक आला अधिकारी ने बताया कि इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए टेंडर भी जारी किया जा चुका है। सारा कार्य मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।
आगरा के लाल पत्थर से होगा रास्ते का पुनर्विकास
मुगलकाल में किलों के रास्ते आगरा के लाल पत्थर और डीक्यू (डच क्वालिटी) पत्थर से बनाए जाते थे। कंक्रीट का बेस बनाकर ये पत्थर लगाए जाते थे। ऐसे में रास्ता मजबूत और हर तरह का दबाव सहने में सक्षम होता है। दिल्ली गेट से लाहौरी गेट के बीच के रास्ते को इन्हीं पत्थरों से मुगलकालीन स्टाइल में ही पुनर्विकसित किया जाएगा।