Move to Jagran APP

CBSE Reduced Syllabus 2022-23: सीबीएसई के पाठ्यक्रम से हटाई गई शायर फैज अहमद फैज की शायरी

CBSE Reduced Syllabus 2022-23 बोर्ड ने 10वीं की किताब से नागरिकशास्र वाले भाग से तीन अध्याय घटाए हैं। इसमें तीसरा अध्याय ‘लोकतंत्र और विविधता’ पांचवा अध्याय ‘सत्ता संघर्ष और आंदोलन’ और आठवां अध्याय ‘लोकतंत्र के लिए चुनौतियां’ को हटाया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 08:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 08:41 PM (IST)
CBSE Reduced Syllabus 2022-23: सीबीएसई के पाठ्यक्रम से हटाई गई शायर फैज अहमद फैज की शायरी
CBSE Reduced Syllabus 2022-23 : सीबीएसई ने नौवीं से 12वीं का सत्र 2022-23 के पाठ्यक्रम में कई पाठ हटाए।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। CBSE Reduced Syllabus 2022-23: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सत्र 2022- 23 का नौवीं से 12वीं के पाठ्यक्रम में कई महत्वपूर्ण पाठ घटाए हैं। बोर्ड ने 10वीं की किताब से नागरिकशास्र वाले भाग से तीन अध्याय घटाए हैं। इसमें तीसरा अध्याय ‘लोकतंत्र और विविधता’, पांचवा अध्याय ‘सत्ता संघर्ष और आंदोलन’ और आठवां अध्याय ‘लोकतंत्र के लिए चुनौतियां’ को हटाया है।

loksabha election banner

वहीं, अर्थशास्त्र के भाग से पांचवा अध्याय ‘उपभोक्ता अधिकार’ को केवल बोर्ड परीक्षा से हटाया गया है। छात्रों को इस अध्याय का प्रोजेक्ट बनाना होगा। इसके साथ ही 10वीं की पाठ्यपुस्तक ‘लोकतांत्रिक राजनीति’ के ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति– सांप्रदायिकता, धर्मनिरपेक्ष राज्य’ पाठ से पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की शायरी भी हटाई है।

ये शायरी पेज नंबर 46, 48, 49 पर तस्वीरों के जरिए दिखाई गई थी। बच्चों को सांप्रदायिकता में राजनीति की भूमिका समझाने के लिए पुस्तक में तीन कार्टून दिए गए थे। पहले दो कार्टून में फैज की एक-एक शायरी लिखी थी। इसके साथ ही 10वीं से खाद्य सुरक्षा के पाठ से कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव के हिस्से को भी हटा दिया गया है। हटाए गए सभी पाठ बीते कई सालों से सीबीएसई के पाठ्यक्रम का हिस्सा थे।

11वीं के इतिहास विषय में इस्लाम की नींव पर केंद्रित पाठ ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’ को हटाया है। इस पाठ में अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लाम का उदय और विस्तार से संबंधित जानकारी थी। जिसमें इस्लामी इतिहास, मुस्लिम समाज, अरबी समाज, पैगम्बर मुहम्मद और खिलाफत के बारे में बताया गया है। इस पाठ की जगह घुमंतू साम्राज्य (नोमैडिक इंपायर्स) पाठ को शामिल किया गया है।

हालांकि, नोमैडिक इंपायर्स पाठ साल 2019 व उससे पहले भी इतिहास की पुस्तक में पढ़ाया जाता रहा है, लेकिन कोरोना के मद्देनजर छात्रों के पाठ्यक्रम को घटाने के क्रम में सत्र 2020-21 और 2021-22 में इसे हटा दिया गया था। सीबीएसई ने अब सत्र 2022-23 के पाठ्यक्रम में दो साल बाद इसे फिर से जारी रखने का निर्णय लिया है।

इसी तरह 12वीं के इतिहास से राजा और कालक्रम, औपनिवेशिक शहर और विभाजन को समझना अध्याय घटाए गए हैं। 12वीं की राजनीति शास्त्र की पुस्तक से कुल चार अध्याय हटाए गए हैं। इसमें शीत युद्ध और गुटनिरपेक्ष आंदोलन’, विश्व राजनीति में अमेरिकी आधिपत्य, एक दल के प्रभुत्व का युग और लोकप्रिय आंदोलनों का उदय से संबंधित अध्याय हटा दिया है। वहीं, 12वीं की भूगोल से मानव बस्ती, भारत प्रवास,भारत मानव विकास और विनिर्माण उद्योग का अध्याय हटाया है।

मैं समझता हूं इतिहास से संबंधित जितने भी दृष्टिकोण है उनमें बदलाव की जरूरत है। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम की जो रूपरेखा 2005 में बनाई गई थी वो एक प्रक्रिया के रूप में बनाए गए थी। इसे पूर्ण रूप से त्वरित बदलने की आवश्यकता है। चूंकि उस वक्त का पाठ्यक्रम तत्कालीन सरकार ने अपनी राजनीतिक विचारधारा को संपन्न करने के लिए बनाया था। ऐसे में पाठ्यक्रम में न सिर्फ इनमें परिवर्तन बल्कि इसे पूरी तरह बदला जाना चाहिए।

प्रो निरंजन कुमार, डीन प्लानिंग, डीयू (दिल्ली विश्वविद्यालय)

मैंने खुद एनसीईआरटी में रहते हुए ऐसे पाठ हटाए थे जो मुझे उचित नहीं लगे। सीबीएसई ने निश्चित रूप से विद्वानों की बैठक की होगी और सभी ने पाठ्यक्रम का विश्लेषण किया होगा तब जाकर इन पाठों को हटाया होगा। हटाए गए पाठों को लेकर किसी को भी किसी तरह का कष्ट नहीं होना चाहिए। इस प्रक्रिया को शैक्षिक दृष्टिकोण से ही देखा जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति आ गई है अब हमें इसे इसी तरह से देखा जाना चाहिए कि बच्चों पर बस्ते का बोझ कम हुआ है।

जेएस राजपूत, पूर्व निदेशक, एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.