ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शिकायत के बाद यूपी और दिल्ली में छापे
बैंक प्रबंधन ने चीनी मिल प्रबंधन पर 109 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए आरबीआइ से शिकायत की थी।
हापुड़ (जेएनएन)। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शिकायत पर रविवार को सीबीआइ ने सिंभावली चीनी मिल के विभिन्न कार्यालयों और मिल के निदेशक के मकान सहित आठ ठिकानों पर छापेमारी की। बैंक प्रबंधन ने चीनी मिल प्रबंधन पर 109 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक से शिकायत की थी।
रिजर्व बैंक के अनुरोध पर सीबीआइ ने मिल प्रबंधन के दस्तावेज की गहन जांच कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। बैंक ने आरोप लगाया है कि चीनी मिल प्रबंधन ने किसानों के नाम पर ऋण लेकर स्वहित में उसका प्रयोग किया।
सीबीआइ द्वारा शनिवार को सिंभावली चीनी मिल के कार्यालय में मारे गए छापे में कई कंप्यूटर, सीडी और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने रिजर्व बैंक को शिकायत कर मिल प्रबंधन पर 109 करोड़ की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।
शिकायत में कहा गया है कि मिल प्रबंधन ने किसानों के नाम पर ऋण लेकर उस पैसे का स्वयं उपभोग कर लिया। बैंक के अधिकारियों ने बताया कि 2011 में निजी देयता समूहों के वित्तपोषण के लिए 5762 गन्ना किसानों को 148 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया था।
यह ऋण रिजर्व बैंक की टाईअप व्यवस्था के तहत किसानों को दिया जाना था। इस राशि का चीनी मिल प्रबंधन ने अपनी आवश्यकताओं में उपभोग कर किसानों और बैंक के साथ धोखाधड़ी की। बैंक की शिकायत में कहा गया कि यह खाता 31 मार्च 2015 को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) हो गया।
रिजर्व बैंक के अनुरोध पर रविवार को सीबीआइ ने सिंभावली चीनी मिल के आठ ठिकानों पर छापे मारकर दस्तावेज जब्त कर गहन जांच पड़ताल की।
इस संबंध में चीनी मिल अधिकारी दिनेश शर्मा ने बताया कि कंपनी ने ओबीसी बैंक की गाजियाबाद शाखा से 109 करोड़ रुपये का लोन लिया था। उसी की जांच पड़ताल के लिए सीबीआइ के डिप्टी एसपी आकाश कुमार मीणा के नेतृत्व में पांच सदस्य टीम आई थी।