यूपीः ग्रेनो प्राधिकरण के पूर्व जीएम के 12 ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग का सर्वे
सीबीआइ की टीम मंगलवार को अचानक प्राधिकरण के पूर्व जीएम रविंद्र तोगड़ के घर पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि पूर्व अधिकारी के घर छापे की जानकारी सिर्फ टीम के एक-दो अधिकारियों को ही थी।
नोएडा (जेएनएन)। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व जीएम व वर्तमान में भाजपा नेता रविंद्र तोंगड़ के करीब 12 ठिकानों पर मंगलवार को आयकर ने सर्वे किया। इस दौरान घर के सदस्यों को बाहर नहीं जाने दिया गया। शामली, देहरादून, ग्रेटर नोएडा के आनंदपुर गांव, सेक्टर बीटा एक सहित कई अन्य ठिकानों पर एक साथ आयकर की टीम पहुंची। मंगलवार सुबह दस बजे से शुरू हुआ आयकर का सर्वे पूरे दिन चला।
सूत्रों की मानें तो अरबों के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। वर्ष 2012 में भी 11 मई को रविंद्र तोंगड़ के घर आयकर का सर्वे हुआ था। उस दौरान भी बड़ी संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए थे। आयकर के पास पुख्ता जानकारी है कि 2012 के सर्वे के बाद अब 2018 के बीच रविंद्र ने अरबों की संपत्ति अर्जित की है। इसी सूचना पर मंगलवार को आयकर की दस अलग-अलग टीम ने 12 ठिकानों पर सर्वे किया। बीटा एक स्थित रविंद्र तोंगड़ के घर तड़के ही आयकर विभाग की टीम सर्वे करने पहुंच गई थी।
वहीं रविंद्र के सेक्टर पाई स्थित कौशल्या वल्र्ड स्कूल में सर्वे के दौरान मंगलवार सुबह अचानक बच्चों की छुट्टी कर दी गई। पूरे दिन स्कूल के अंदर आयकर का सर्वे चलता रहा। बीटा एक सेक्टर में सर्वे के दौरान एक टीम के चार सदस्य कुछ देर के लिए बाहर आए। बाहर आने पर मीडिया ने आयकर टीम के सदस्यों से बात करने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं हो सकी। दादरी के आनंदपुर गांव में रविंद्र तोंगड़ के पैतृक मकान व जीटी रोड पर स्थित कौशल्या स्कूल पर भी आयकर ने सर्वे किया।
छह साल में दो बार रविंद्र के यहां हुआ आयकर का सर्वे
रविंद्र के यहां पिछले छह वर्ष में आयकर का यह दूसरा सर्वे हुआ है। इससे पहले मई 2012 में भी र¨वद्र के यहां आयकर का सर्वे हुआ था। उस दौरान रविंद्र के यहां बड़ी मात्र में करोड़ों की संपति के दस्तावेज व नकदी बरामद हुई थी। हालांकि उसका आयकर चुका कर वह बच गए थे। मंगलवार को हुए सर्वे का अभी आयकर विभाग ने कोई डाटा उपलब्ध नहीं कराया है कि र¨वद्र के यहां कितनी नकदी व संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इसका पर्दाफाश बुधवार को होने की संभावना है।
रविंद्र तोंगड़ एक मंत्री से नजदीकियों के चलते 2002 में सहायक प्रबंधक के पद पर अस्थायी नौकरी पर तैनात हुए थे। कुछ समय बाद उन्हें प्रबंधक के रूप में स्थायी नौकरी मिल गई थी। रविंद्र की सपा सरकार के साथ भी नजदीकी रही थी, इसके चलते 2003 से 2004 के बीच वह प्राधिकरण के कई महत्वपूर्ण विभागों में तैनात रहे। 2007 में प्रदेश में बसपा सरकार बनने के बाद प्राधिकरण में महाप्रबंधक के चार नए पद सृजित किए गए। रविंद्र ने प्रबंधक के पद से इस्तीफा देकर महाप्रबंधक के पद पर आवेदन किया। उन्हें सीधी भर्ती के बाद महाप्रबंधक (संपत्ति) बना दिया गया। ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) में बिल्डर परियोजनाओं के सवा सौ भूखंड आवंटन रविंद्र के कार्यकाल में ही हुए। उस समय रविंद्र बिल्डर विभाग का काम देखते थे।