दुष्कर्म के आरोपी इस बाबा की जानकारी देने पर मिलेंगे 5 लाख रुपये, CBI भी खोज रही है
दिल्ली के रोहिणी इलाके में आश्रम चलाने वाले स्वयंभू धर्मगुरु वीरेंद्र देव दीक्षित की जानकारी देने वाले को सीबीआइ पांच लाख ईनाम देगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली के रोहिणी इलाके में आश्रम चलाने वाले स्वयंभू धर्मगुरु वीरेंद्र देव दीक्षित की जानकारी देने वाले को सीबीआइ पांच लाख इनाम देगी। मंगलवार को सीबीआइ ने इनाम की घोषणा करते हुए कहा कि जो भी शख्स वीरेंद्र देव दीक्षित के ठिकानों की जानकारी मुहैया कराएगा उसे बतौर इनाम पांच लाख रुपये दिया जाएगा।
वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ सीबीआइ ने पिछले साल कई लड़कियों को अवैध रुप से दिल्ली के रोहिणी स्थित आश्रम में रखने और दुष्कर्म के आरोप में तीन मामले दर्ज किए थे।
कई महीनों से फरार है वीरेंद्र देव दीक्षित
रोहिणी में आश्रम चलाने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित पिछले कई महीनों से फरार है और जांच एजेंसी अब तक उसका पता नहीं लगा पाई हैं। इससे पहले इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। सीबीआइ ने कोर्ट को बताया था कि मिली जानकारी के मुताबिक वीरेंद्र देव दीक्षित नेपाल में छिपा हो सकता है।
सीबीआइ ने वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ ब्ल्यू कॉर्नर नोटिस जारी किया है। दिल्ली के रोहिणी स्थित बाबा वीरेंद्र देव के आश्रम से दिसंबर महीने में कई लड़कियों को छुड़ाया गया था, जिन्हें कई दिनों तक बंधक बनाकर कैद में रखा रखा गया था।
ऐसे सामने आया था मामला
दिल्ली पुलिस ने एक युवती की शिकायत पर दुष्कर्म का केस दर्ज किया था। पीड़िता ने कहा था कि बाबा ने साल 2000 में उसके साथ दुष्कर्म किया था। युवती ने यह भी आरोप लगाया था कि आश्रम में रहने वाली तमाम लड़कियों के साथ इस तरह की वारदातों को अंजाम दिया जाता है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आश्रमों पर छापेमारी के बाद लगभग 50 नाबालिग और करीब 200 महिलाओं को मुक्त कराया था। इसके बाद पुलिस ने बाबा के देशभर में स्थित कई आश्रमों पर छापेमारी की थी।
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय विजय विहार में जिस 1200 गज भूमि पर बना हुआ है, आश्रम के नाम पर एक दशक पहले वहां केवल झुग्गियां थीं। बताया जाता है कि ये लोग वीरेंद्र देव दीक्षित के अनुयायी ही थे। धीरे-धीरे झुग्गियों की जगह पक्का निर्माण शुरू हुआ। वर्ष 2010 तक यह भवन सिर्फ एक मंजिल का था।
महिला अनुयायियों की संख्या बढ़ने के साथ निर्माण कार्य भी बढ़ने लगा। स्थानीय लोगों के अनुसार बीते सात वर्षों में यह पांच मंजिल का बन गया है। कुछ वर्ष पहले चौथी मंजिल से दो युवतियां कूद गईं थीं। इसमें एक युवती की मौत हो गई और दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस घटना के बाद पूरे परिसर को ग्रिल लगाकर बंद कर दिया गया।