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आम बजट से बाजार को राहत की उम्मीद, दिल्ली के व्यापारियों की ये है मांगें

दिल्ली के व्यापारियों को बजट से काफी उम्मीदें है। उन्हें लगता है कि इस बजट में बाजार के साथ ही कारोबार के लिए महत्वपूर्ण घोषणाओं को जगह मिलेगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 12:27 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 12:27 PM (IST)
आम बजट से बाजार को राहत की उम्मीद, दिल्ली के व्यापारियों की ये है मांगें
आम बजट से बाजार को राहत की उम्मीद, दिल्ली के व्यापारियों की ये है मांगें

नई दिल्ली, जेएनएन। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के तौर पर पहली बार आम बजट पेश करने जा रहीं हैं। दिल्ली के व्यापारियों को बजट से काफी उम्मीदें है। उन्हें लगता है कि इस बजट में बाजार के साथ ही कारोबार के लिए महत्वपूर्ण घोषणाओं को जगह मिलेगी।

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फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव के मुताबिक खुदरा व्यापार कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। यदि इस पर ध्यान दिया जाए, तो हर साल दो करोड़ नए रोजगार के लक्ष्य को आसानी से पूरा किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार को ऐसे इंतजाम करने होंगे, जिनसे बाजार और व्यापारियों को बुनियादी सुविधाएं आसानी से मिलें और बाजारों में आधुनिकता आए और भारत के खुादरा बाजार वैश्विक स्पर्धा में खड़े हो सकें।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा व्यापारियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। सरकार को व्यापारियों के लिए विशेष स्वास्थ्य बीमा का इंतजाम करना चाहिए। भले ही इसके लिए पैसे सरकार व्यापारियों से ही ले।

दिल्ली स्टील टूल्स एंड हार्डवेयर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि हार्डवेयर आम लोगों के इस्तेमाल की चीज है, इस पर जीएसटी काफी ज्यादा है। जिसे कम किया जाना चाहिए। इस संबंध में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है। इसी तरह सरकार को बुजुर्ग व्यापारियों पर भी ध्यान देना चाहिए। पेंशन की सुविधा के साथ बुजुर्ग व्यापारियों के लिए विशेष कर का प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जीएसटी को अपनाने में व्यापारी सरकार के साथ कदमताल कर रहे हैं और तय लक्ष्य को पूरा करने में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। ऐसे में जो अच्छा टैक्स दे रहा है उन्हें सम्मानित किया जाए। इससे व्यापारियों का मनोबल बढ़ेगा।

आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल ने कहा कि पिछले चार साल से आयकर छूट की सीमा में बदलाव नहीं हुआ है। इसे 5 लाख रुपये करना चाहिए। दो साल पहले बजट में नगद भुगतान की सीमा 20 हजार रुपये से कम करके 10 हजार रुपये कर दी गई है। नगद लेनदेन व्यापार का एक जरूरी हिस्सा है। सीमा को बढ़ाए जाने की जरूरत है। जरूरत पड़ने पर व्यापारी को कई बार अपने जानकारों से नकद लेना पड़ता है। इसकी भी सीमा 20 से बढ़ा कर 50 हजार रुपये करनी चाहिए।

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