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Book Fair : पुस्तक प्रेमी ही नहीं, बढ़ रही कार्यक्रमों की रौनक भी

योगीगाथा पुस्तक का लोकार्पण प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित युवा फाउंडेशन के संस्थापक शातनु गुप्ता की पुस्तक योगीगाथा का हॉल न. 12 ए के लेखक मंच पर लोकार्पण किया गया।

By Edited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 08:52 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 03:23 PM (IST)
Book Fair : पुस्तक प्रेमी ही नहीं, बढ़ रही कार्यक्रमों की रौनक भी
Book Fair : पुस्तक प्रेमी ही नहीं, बढ़ रही कार्यक्रमों की रौनक भी

नई दिल्ली, जेएनएन। विश्व पुस्तक मेले में पुस्तक प्रेमियों के साथ-साथ साहित्यिक कार्यक्रमों की रौनक भी लगातार बढ़ रही है। एक ओर हर कोई शब्दों के समुद्र से ज्ञान के मोती चुनने में जुटा नजर आता है तो पुस्तक लोकार्पण समारोहों, संगोष्ठियों और अन्य आयोजनों में भाग लेने वालों की भी कमी नहीं है। बुधवार को यहां बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति राय एवं मशहूर नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने भी शिरकत की।

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अपार खुशी का घराना
पाठकों से मुखातिब हुई अरुंधति विश्व पुस्तक मेले के पांचवें दिन राजकमल प्रकाशन के स्टॉल जलसा घर में विख्यात लेखिका अरुंधति राय के अंग्रेजी में बहुचर्चित उपन्यास 'द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस' के हिंदी अनुवाद 'अपार खुशी का घराना' और उर्दू अनुवाद 'बेपनाह शादमानी की मुमलकत' का अनावरण और परिचर्चा का आयोजन किया गया।

किताब के तीन महीने बाद भाजपा ने किया था परीक्षण
इस अवसर पर अरुंधति राय ने कहा कि '1997 में 'गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स' पुस्तक के दो तीन माह बाद तत्कालीन भाजपा सरकार ने परमाणु परीक्षण किया था और मैं इसके विरोध में थी, तब मुझे इसके विरोध का प्रतिरूप बना दिया गया था। उस समय मैंने यह निश्चय किया था कि जब मुझे कुछ कहना होगा तभी लिखूंगी।' इस अवसर पर वरिष्ठ कवि एवं आलोचक मंगलेश डबराल, अर्जुमंद आरा और राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी भी उपस्थित थे। वरिष्ठ पत्रकार अनंत विजय ने उनके साथ बातचीत की।

सोनल मानसिंह ने साझा किए अनुभव
सोनल मानसिंह ने पाठकों के साथ अपने अनुभव साझा किए। कहानियों की किताब का लोकार्पण सामयिक प्रकाशन के स्टॉल पर लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ की 51 कहानियों की किताब 'रंग रूप रस गंध' खंड दो का लोकार्पण हिंदी की प्रसिद्ध कथाकार मैत्रेयी पुष्पा ने किया। कार्यक्रम का संचालन महेश भारद्वाज ने किया।

दो पुस्तकों का लोकार्पण
हॉल नंबर 12 में एपीएन पब्लिकेशस के स्टॉल पर रतन वर्मा द्वारा लिखित 'चांदनी रात की गजल' एवं 'बबूल' पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। पब्लिकेशंस के निदेशक निर्भय कुमार ने बताया कि इस वर्ष पुस्तक मेले में बहुत से अच्छे अंग्रेजी उपन्यास हिंदी में अनुवाद के साथ उपलब्ध हैं। बाल मंडप में चित्रकला प्रतियोगिता बाल मंडप में अन्य गतिविधियों के साथ-साथ चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली के विभिन्न स्कूलो के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

लवली पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल ने मारी बाजी
लवली पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल न्यू लायल पुर की बारहवीं कक्षा की छात्रा अंशिका आनंद ने प्रथम स्थान पाया। स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. इंद्र मलिक और प्रभारी डॉ. सुरभि गुप्ता ने छात्रों को बधाई देकर उनका उत्साह बढ़ाया। परिचर्चा का आयोजन हॉल नं. 12 ए में यश पब्लिकेशस द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा की पुस्तकों 'संपादकीय विमर्श' एवं 'अखबार और विचार' पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। संचालन लेखक राजीव रंजन प्रसाद ने किया। इस दौरान बल्देव भाई शर्मा ने बताया कि खबरें अखबार का एक हिस्सा होती हैं जबकि किसी भी अखबार का अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा होता है विचार। विचार के बिना अखबार उसी तरह है जैसे आत्माविहीन शरीर। समाचार और विचार मिलकर ही अखबार पूर्ण होता है। इस मौके पर साहित्यकार बुद्धिनाथ मिश्रा एवं यश पब्लिकेशस के निदेशक राहुल भारद्वाज मौजूद रहे।

गांव-गांव की कहानियां
'योगीगाथा' पुस्तक का लोकार्पण प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित युवा फाउंडेशन के संस्थापक शातनु गुप्ता की पुस्तक 'योगीगाथा' का हॉल न. 12 ए के लेखक मंच पर लोकार्पण किया गया। पुस्तक का लोकार्पण राजनीति विश्लेषक उदय माहुरकर एवं हर्षवर्धन त्रिपाठी ने किया। प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर लेखक डॉ. प्रमोद कुमार अग्रवाल की पुस्तक 'गांव-गांव की कहानियां' का लोकार्पण भी हुआ। यह लोकार्पण साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा ने किया। उपन्यास स्वयंसेवक- एक महागाथा की चर्चा पुस्तक मेले में आयोजित 'संवाद' में मनीष शुक्ल के उपन्यास 'स्वयंसेवक एक महागाथा' का विमोचन हुआ। वहीं वरिष्ठ साहित्यकारों एवं राजनेताओं ने उपन्यास से जुड़कर अपने संस्मरण और अनुभव प्रस्तुत किए।

मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने एक स्वयंसेवक के रूप में अब तक की अपनी यात्रा साझा की। नेहा प्रकाशन और शिल्पायन की इस प्रस्तुति में उन्होंने बताया कि भारत में मानवाद ने अलग- अलग विचारों के बीच राष्ट्रवाद को पोषित किया। गौतम ने संघवाद को जीवन का आधार बताया।


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