#MeToo के समर्थन में अभिनेता यशपाल, बोले- बॉलीवुड में होता है अभिनेत्रियों का यौन शोषण
मीटू पर यशपाल ने कहा बॉलीवुड में महिला कलाकारों का यौन शोषण होता है। प्रोड्यूसर-डायरेक्टरों की बहुत सी हरकतों पर महिला कलाकार बोल नहीं पाती थीं। अभी कई और चेहरे बेनकाब होंगे।
रेवाड़ी, अमित सैनी। देश दुनिया में हंगामा मचाने वाले और कई चेहरों को बेनकाब करने वाले MeToo अभियान को अब बॉलिवुड अभिनेता यशपाल शर्मा का समर्थन मिला है। लगान व गंगाजल जैसी ब्लॉक बस्टर फिल्मों में अपने दमदार अभिनय का लोहा मनवा चुके यशपाल शर्मा ने मीटू अभियान पर अपनी बेबाक राय रखी है। उन्होंने कहा कि बॉलिवुड में अभिनेत्रियों का यौन शोषण होता है।
यशपाल शर्मा रेवाड़ी में बंजारा संस्था की ओर से आयोजित दो दिवसीय नाट्य उत्सव में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दैनिक जागरण से विभिन्न मुद्दों पर विशेष बातचीत की। यशपाल के अनुसार बॉलिवुड में अभिनेत्रियों का यौन शोषण कोई नई बात नहीं है। लंबे समय से ऐसा होता आ रहा है। अब मीटू अभियान में पोल खुल रही है।
मीटू अभियान पर यशपाल ने बोला कि ये कमाल का मंच है। निश्चित तौर पर बॉलीवुड में महिला कलाकारों का शोषण होता है। प्रोड्यूसर-डायरेक्टरों से जुड़ी कई ऐसी हरकतें होती है जो महिला कलाकार बोल नहीं पाती थीं। अब एक के बाद एक बड़े मामले सामने आ रहे हैं। अभी कई और चेहरों से नकाब हटना बाकी है।
हालांकि, डर यही है कि कहीं इस अभियान का दुरुपयोग न होने लगे। यशपाल शर्मा ने कहा कि सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं हर फील्ड में महिलाओं का शोषण होता है। चाहे वह चिकित्सकीय पेशा हो या वकालत या पत्रकारिता आदि। मामले भी सभी जगहों के सामने आ रहे हैं।
यशपाल ने इस दौरान अपने फिल्मी सफर के बारे में भी जागरण संवाददाता से बात की। उन्होंने बताया कि कुछ ही दिनों में वह अपनी फिल्म पंडित लख्मीचंद की शूटिंग शुरू करने जा रहे हैं। इस फिल्म के दो पार्ट होंगे। अभी पहला पार्ट आएगा, जिसमें पंडित लख्मीचंद के बचपन का रोल 10 साल का बच्चा निभाएगा। इंटरवल के बाद पंडित लख्मीचंद की किशोरावस्था का चित्रण होगा। फिल्म के दूसरे पार्ट में यशपाल शर्मा खुद पंडित लख्मीचंद की भूमिका निभाएंगे।
यशपाल शर्मा ने बताया कि उनकी वह अपनी आगामी फिल्मों में हरियाणा व अन्य शहरों के कलाकारों को मौका देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए वह जल्द ऑडिशन शुरू करने जा रहे हैं। इसमें हरियाणा के कलाकारों को भी मौका दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा की नई फिल्म नीति कलाकारों को नया मंच देगी। हालांकि, अहम विषय यह है कि इस नीति का सही तरीके से इस्तेमाल हो। बजट का बंदरबांट करने की बजाय कलाकारों को मंच दिया जाए।
रंगमंच के सिमटते दायरे के सवाल के जबाव में यशपाल ने कहा कि इसे बचाए रखना जरूरी है। रंगमंच को बचाना है तो निश्चित तौर पर बड़े कदम उठाने होंगे। स्कूलों व कॉलेजों में थियेटर की कक्षाएं अनिवार्य करनी होगी ताकि कला और कलाकारों को बचाया जा सके।