मणिशंकर के बयान पर सियासत जारी, राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग
अय्यर ने 2014 में भी मोदी जी को चाय वाला कह कर अपमानित करने का प्रयास किया। कांग्रेस दलित और पिछड़े वर्ग की विरोधी रही है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीच बताने वाले बयान पर यमुनापार में भाजपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। खजूरी और शकरपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दोनों जगहों पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान अय्यर का पुतला भी दहन किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस से मणिशंकर की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की।
शकरपुर वार्ड के पूर्व पार्षद सुशील उपाध्याय के नेतृत्व में कार्यकर्ता मदर डेयरी चौक पर जमा हुए। यहां मणिशंकर अय्यर के खिलाफ नारेबाजी की गई। सुशील उपाध्याय ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी को जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस समय-समय पर प्रधानमंत्री को अपमानित करती रहती है। यह उसकी कार्यशैली हो गई है।
मणिशंकर राज्यसभा में जाने के लायक नहीं
सुशील ने कहा कि मणिशंकर राज्यसभा में जाने के लायक नहीं है। ऐसे में उनकी सदस्यता खत्म होनी चाहिए। इस मौके पर पर्वतीय प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सुरेशचंद्र शर्मा, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह, रविंद्र त्यागी, ओमप्रकाश भारद्वाज, जेपी शर्मा, कमल गैरेला, किरन शर्मा, चंदा नेगी, नीमा तिवारी, रंजीत सिंह, आशीष चौधरी, तुषार बघेल व सुशील नागर आदि मौजूद रहे।
अय्यर वही कहते हैं जो राहुल गांधी चाहते हैं
वहीं, भाजपा के उत्तर पूर्वी जिलाध्यक्ष अजय महावर के निर्देश पर युवा मोर्चा की ओर से खजूरी में प्रदर्शन और पुतला दहन किया गया। युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मणिशंकर अय्यर के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अरविंद नागर ने किया। नागर ने कहा कि मणिशंकर को कांग्रेस की ओर से निलंबित करना केवल ढकोसला है। अय्यर वही कहते हैं जो राहुल गांधी चाहते हैं।
कांग्रेस दलित और पिछड़े वर्ग की विरोधी
भाजपा उत्तर पूर्वी जिला के मीडिया प्रभारी दिनेश अछवान ने कहा कि कांग्रेस की छोटी मानसिकता का यह परिचय है कि वह प्रधानमंत्री के लिए निरंतर अपशब्दों का प्रयोग करती रही है। अय्यर ने 2014 में भी मोदी जी को चाय वाला कह कर अपमानित करने का प्रयास किया। कांग्रेस दलित और पिछड़े वर्ग की विरोधी रही है। उन्हें एक पिछड़े वर्ग का साधारण सा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के रूप में सहन नहीं हो रहा है।
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