Delhi Politics: 2047 तक प्रति व्यक्ति आय सिंगापुर के बराबर करने के लक्ष्य पर भाजपा नेता का कटाक्ष
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के पास इसके लिए कोई रोडमैप नहीं है। विजयेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार को लोगों को यह बताना चाहिए कि वह कैसे इस लक्ष्य को हासिल करेगी।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली भाजपा के कद्दावर नेता और विधायक विजयेंद्र गुप्ता ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के उस बयान पर सवाल उठाया है, जिसमें कहा गया है कि AA{ सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय को सिंगापुर के स्तर तक ले जाना है। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के पास इसके लिए कोई रोडमैप नहीं है। विजयेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार को लोगों को यह बताना चाहिए कि वह कैसे इस लक्ष्य को हासिल करेगी। क्या दिल्ली सरकार के पास कोई प्लान है? कोई रोडमैप है। विजयेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की सड़कों के सुंदरीकरण को लेकर कहा कि इस दिशा में भी कोई काम नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को जारी बयान में कहा था कि पिछले छह वर्षों में दिल्ली की विकास दर 11-12 फीसद तक पहुंच गई है और प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना अधिक है। दिल्ली को देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक बताते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार राजधानी दिल्ली में प्रगतिशील कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। देश की आबादी का केवल 1.49 फीसद होने के बावजूद देश की जीडीपी में दिल्ली का योगदान 4.4 फीसद है।
मनीष सिसोदिया सोमवार शाम केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई वर्चुवल बैठक में शामिल हुए थे। इसमें देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और राज्यों में विकास की गति तेज करने पर चर्चा हुई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 85 फीसद है। केजरीवाल सरकार दिल्ली में कई विकासात्मक मुद्दों पर लगातार काम कर रही है, जिसमें केंद्र के सहयोग की जरूरत है। ‘आप’ सरकार का विशेष फोकस स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण पर है। बुनियादी ढांचे के मोर्चे पर ‘आप’ सरकार दिल्ली में 540 किमी सड़कों को नया स्वरूप दे रही है। इन सड़कों के पुनर्निर्माण में 11,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राजधानी में पूरी दुनिया से लोग आते हैं, यहां की सड़कों को देखकर देश की सकारात्मक धारणा बननी चाहिए।
दिल्ली को देश की ई-वाहन राजधानी बनाने का इरादा
सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री को यह भी बताया कि उनकी सरकार ने बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली इलेक्टिक वाहन नीति के कार्यान्वयन सहित कई उपाय किए हैं। दिल्ली सरकार को इस दिशा में केंद्र और डीडीए के सहयोग की जरूरत है, क्योंकि दिल्ली में अधिकांश भूमि डीडीए के पास है। दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए 1,000 ई-बसें खरीद रही है। आने वाले दिनों में सरकार का इरादा पांच हजार तक ई-बसें खरीदने का है। इसके लिए केंद्र सरकार को वास्तव में सहयोग करने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि डीडीए ने हाल के वर्षों में निजी ट्रस्टों को अस्पताल बनाने के लिए जमीन दी है, लेकिन ये ट्रस्ट आवंटित जमीन का उपयोग नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की जमीन का केंद्र सरकार को आडिट कराना चाहिए। अगर ट्रस्ट इन जमीनों पर अस्पताल बनाने में असमर्थ हैं, तो दिल्ली सरकार वहां विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कालेज या विश्वविद्यालय बनाने के लिए राज्य सरकार को डीडीए से ऊंचे दामों पर जमीन खरीदनी पड़ती है। अगर डीडीए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से अपनी नीति में बदलाव करता है तो इससे काफी मदद मिलेगी।