क्या दिल्ली की तीनों नगर निगमों का होगा एकीकरण, चर्चा ने पकड़ा जोर
शीला दीक्षित सरकार ने वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजित करने का फैसला किया था। तर्क दिया गया था कि नगर निगम छोटे होंगे तो इसके शासन में सुधार होगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली की तीनों नगर निगमों में जीत की हैट्रिक लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी निगमों का एकीकरण भी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो ज्यादातर नेता चाहते हैं कि तीनों एमसीडी को एक बार फिर से एक कर दिया जाए और मेयर का कार्यकाल बढ़ा दिया जाए, तो उनका सिस्टम दुरुस्त हो सकता है।
इस बाबत पूर्व विधायक व पार्षद डॉ़. महेंद्र नागपाल का कहना है कि तीनों नगर निगम को बांटने के बाद से उसका सिस्टम बिगड़ गया है। बंटवारे से सबसे ज्यादा पूर्वी दिल्ली नगर निगम (EDMC) और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) का परेशानी हुई। दक्षिणी MCD और उत्तरी MCD लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
महेंद्र नागपाल का मानना है कि अगर तीनों निगमों को एक किया जाता है कि आर्थिक स्थिति में जरूर सुधार आएगा।
वहीं, एमसीडी की निर्माण समिति के अध्यक्ष रहे जगदीश ममगांई के अनुसार निगमों का एकीकरण जरूरी है, लेकिन इसके लिए डीएमसी ऐक्ट में बदलाव करना होगा। अब इसको लेकर इसलिए भी समस्या नहीं आ सकती, क्योंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है।
यहां पर बता दें कि दिल्ली एमसीडी का परिणाम आने से पहले ही एकीकरण के संकेत केंद्रीय खेल राज्यमंत्री विजय गोयल ने भी दिए थे। उन्होंने कहा था कि निगम चुनाव में यदि भाजपा को जीत मिलती है तो यह मुद्दा जोर पकड़ेगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार ने वर्ष 2012 में दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में विभाजित करने का फैसला किया था। तर्क दिया गया था कि नगर निगम छोटे होंगे तो इसके शासन में सुधार होगा। भाजपा के कई नेता इस फैसले को गलत बताते रहे हैं। उनका कहना है कि इससे नगर निगमों खासकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।
भाजपा नेताओं का कहना है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को छोड़कर अन्य दोनों निगम घाटे में हैं। इससे साफ-सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य सेवाएं बाधित हो रही हैं।
वहीं, केंद्रीय मंत्री और दिल्ली निवासी विजय गोयल का कहना है कि अगर एमसीडी का सिस्टम सुधारना है तो उसे आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा। इसका आसान तरीका यही है कि तीनों एमसीडी को फिर से एक कर दिया जाए।