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AIIMS में लगी आग के दौरान आंख के ऑपरेशन थियेटर में 2 बच्चों का जन्म

एम्स में आग लगने की घटना के बीच शनिवार रात आरपी सेंटर में आंखों के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में दो गर्भवती महिलाओं की सर्जरी कर प्रसव कराया गया।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 09:58 AM (IST)
AIIMS में लगी आग के दौरान आंख के ऑपरेशन थियेटर में 2 बच्चों का जन्म
AIIMS में लगी आग के दौरान आंख के ऑपरेशन थियेटर में 2 बच्चों का जन्म

नई दिल्ली, जेएनएन। Fire in all india institute of medical sciences: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आग लगने की घटना के बीच शनिवार रात आरपी सेंटर में आंखों के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में दो गर्भवती महिलाओं की सर्जरी कर प्रसव कराया गया। इससे एम्स में पहली बार आंखों के ओटी में दो बच्चों ने जन्म लिया। इसमें एक लड़की व दूसरा लड़का है। दोनों जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं और उन्हें आरपी सेंटर के वार्ड से गायनी विभाग के वार्ड में स्थानांतरित भी कर दिया गया है। ऐसे में विपरीत परिस्थिति में भी एम्स के डॉक्टरों व नर्सो ने चिकित्सा की मिसाल पेश की है।

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शनिवार को एम्स में आग लगने की घटना के दौरान गायनी विभाग से करीब 80 महिलाओं को आरपी सेंटर में स्थानांतरित किया गया था। इसमें सिर्फ आंखों का इलाज होता है। आरपी सेंटर के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर व एम्स आरडीए के संयुक्त सचिव डॉ. अश्विनी कुमार बेहरा ने कहा कि आरपी सेंटर में कुछ बेड खाली थे। डॉक्टरों व नर्सों ने एक-एक वार्ड में जाकर यह पता लगाया कि कितने बेड खाली हैं। इसके बाद चार-ए वार्ड से आंख के सभी मरीजों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर बेड खाली कराए गए। इस वार्ड में 36 बेड हैं। इसे ही गायनी वार्ड बनाया गया। इसके बाद चार-ए वार्ड में 36 महिलाओं को भर्ती किया गया। इसके अलावा आरपी सेंटर के डे-केयर व लॉबी में भी गायनी विभाग के मरीजों को रखा गया था। नेत्र इमरजेंसी व ओपीडी के पास भी कई विभागों के मरीज स्ट्रेचर पर थे। नेत्र इमरजेंसी के ओटी को लेबर रूम बनाया गया था।

आसान नहीं थी आंखों के ओटी में गर्भवती महिला की सर्जरी
चिकित्सकों ने कहा कि आरपी सेंटर के ओटी में आंखों की सर्जरी होती है। इसलिए उसमें उपकरण भी ऐसे नहीं थे, जिससे सिजेरियन हो सके। आरपी सेंटर की नर्स भी इसके लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। लेकिन आरपी सेंटर व गायनी विभाग के बीच बेहतर तालमेल से यह संभव हो सका। गायनी विभाग के ओटी से तुरंत जरूरी उपकरण व दवाएं मंगाई गई। गायनी विभाग की नर्सो ने आरपी सेंटर पहुंचकर गर्भवती महिलाओं की देखरेख की कमान संभाली।

आरपी सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शक्ति गुप्ता व गायनी विभाग के विभागाध्यक्ष खुद पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि रात साढ़े नौ बजे जब एम्स के शैक्षणिक ब्लॉक के पांचवी मंजिल पर आग बुझने का काम चल रहा था, उस वक्त 30 वर्षीय गर्भवती महिला को आरपी सेंटर के पांचवीं मंजिल पर स्थित ओटी में ले जाया गया, जहां उनकी सिजेरियन की गई। उन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद एक अन्य महिला ने भी सिजेरियन से लड़के को जन्म दिया। सुबह में उन्हें मुख्य अस्पताल के एबी वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।

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