Move to Jagran APP

बर्ड फ्लू: इंसानों से इंसान में नहीं फैलता है वायरस, सतर्कता बरतने की जरूरत

एम्स में एक बच्चे की बर्ड फ्लू से मौत के बाद के पीआइसीयू में भर्ती तीन अन्य बच्चों की भी जांच कराई गई। तीनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है।बच्चे के इलाज के दौरान डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए कहा गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 04:50 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 04:50 PM (IST)
बर्ड फ्लू: इंसानों से इंसान में नहीं फैलता है वायरस, सतर्कता बरतने की जरूरत
बर्ड फ्लू से मौत का मामला सामने आने के बाद दिल्ली स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय अलर्ट हो गया है।

नई दिल्ली, राहुल चौहान। बर्ड फ्लू से मौत का मामला सामने आने के बाद दिल्ली स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और पशुपालन विभाग भी अलर्ट हो गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की महानिदेशक डा. नूतन मुंडेजा ने पशुपालन विभाग के निदेशक से बुधवार को चर्चा की। अधिकारियों का कहना है कि इस वायरस का संक्रमण इंसान से इंसान में नहीं फैलता है। डा. मुंडेजा ने कहा कि कि बर्ड फ्लू फैलने का खतरा पक्षियों और मुर्गे-मुर्गियों में अधिक होता है। उन्होंने दावा किया कि फिलहाल, दिल्ली में किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं है, साथ ही कहा कि जनवरी में बर्ड फ्लू के मामले पाए जाने के बाद से ही हमारी रैपिड रिस्पांस टीमें लगातार काम कर रही हैं।

loksabha election banner

घबराने की जरूरत नहीं

एम्स में एक बच्चे की बर्ड फ्लू से मौत के बाद के पीआइसीयू में भर्ती तीन अन्य बच्चों की भी जांच कराई गई। तीनों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। वहीं, बच्चे के इलाज के दौरान संपर्क में रहे डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए कहा गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है, साथ ही अस्पताल में सभी डाक्टर एन-95 मास्क लगाकर रहते हैं और पीपीई किट पहनकर ही मरीजों के बीच जाते हैं। इसलिए इनके संक्रमित होने का खतरा नहीं है और न ही अभी तक किसी में लक्षण आए हैं।

बच्चे में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि

एम्स द्वारा बुधवार को बर्ड फ्लू से बच्चे की मौत को लेकर आधिकारिक बयान जारी कर जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक बच्चे की कोरोना और स्वाइन फ्लू (इन्फ्लूएंजा) की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसका सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) की लैब में भेजा गया था। एनआइवी की रिपोर्ट में बच्चे में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच5एन1) बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।

इन बातों का रखें खयाल

  • अधपके चिकन व अंडे न खाएं
  • मुर्गी फार्म में काम करने वाले लोगों को पक्षियों को संभालते समय दस्ताने पहनने चाहिए
  • गर्भवती महिलाओं, बच्चों व वृद्धों को बेहद सावधान रहना चाहिए
  • संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें
  • जो लोग नियमित रूप से पक्षियों के संपर्क में रहते हैं, वे फ्लू का टीका जरूर लगवाएं
  • ज्यादातर मामलों में एंटीवायरल ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) से 48 घंटों के भीतर उपचार होने पर बीमारी की गंभीरता कम हो सकती है।
  • पक्षियों की असामान्य मौतों की सूचना तुरंत अधिकारियों को दें और मृत पक्षी के शव से दूर रहें।

ऐसे करें बर्ड फ्लू से बचाव

पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन (पीएसआरआइ) अस्पताल, नई दिल्ली की वरिष्ठ सलाहकार डा. नीतू जैन के मुताबिक मुर्गी फार्म में काम करने वाले लोगों में यह आसानी से फैल सकता है। डा. जैन ने बर्ड फ्लू से बचाव के कई सुझाव दिए हैं।

क्या कहते हैं पशुपालन विभाग

संक्रमण के खतरे वाली जगहों से पक्षियों और मुर्गे-मुर्गियों के सैंपल लेकर लगातार जांच कराई जा रही है। पशुपालन विभाग लगातार भारत सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक काम कर रहा है।

डा. राकेश कुमार, निदेशक पशुपालन विभाग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.