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दिल्ली : व्यापारियों को NGT का झटका, मायापुरी में सीलिंग पर रोक से किया इनकार

एनजीटी ने अब तीन मई को संबंधित अधिकारियों को पेश होकर कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है। एनजीटी ने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 12:13 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 12:13 PM (IST)
दिल्ली : व्यापारियों को NGT का झटका, मायापुरी में सीलिंग पर रोक से किया इनकार

नई दिल्ली, जेएनएन। मायापुरी में सीलिंग पर रोक लगाने के लिए व्यापारियों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करने से राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इनकार कर दिया है। कहा, अधिकरण ने कोई नया आदेश नहीं दिया है, बल्कि 2015 के आदेश को लागू करने के निर्देश दिए हैं।

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मायापुरी में अवैध दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई को लेकर शनिवार को कबाड़ व्यापारियों और सीलिंग दस्ते में टकराव हुआ था। इसके बाद वहां के व्यापारियों ने सोमवार को एनजीटी में याचिका दायर कर सीलिंग की कार्रवाई रोकने की मांग की। एनजीटी के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल ने इस याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया। पीठ ने कहा कि एनजीटी ने कोई नया आदेश नहीं दिया है, बल्कि 14 मई 2015 को दिए गए आदेश को लागू करने के लिए कहा है।

एनजीटी ने अब तीन मई को संबंधित अधिकारियों को पेश होकर कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मायापुरी में कबाड़ की अवैध दुकानों पर एनजीटी ने पिछले दिनों दिल्ली के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। मायापुरी में हर साल करीब छह हजार करोड़ रुपये के कबाड़ का व्यापार होता है। एनजीटी ने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था।

दिल्ली हाई कोर्ट से सोमवार को मायापुरी के कबाड़ व्यापारियों को बड़ी राहत मिली। उनकी याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को निर्देश दिया कि 800 व्यापारियों के खिलाफ अगली तारीख तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं करें। इन पर कबाड़ का काम करके प्रदूषण फैलाने के आरोप में एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिस पर कोर्ट ने 26 अप्रैल तक रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ ने अपने अंतरिम आदेश पर दिल्ली विकास प्राधिकरण से भी जवाब मांगा है। व्यापारियों की तरफ से पेश अधिवक्ता कीर्ति उप्पल व अधिवक्ता साहिल बलनायक ने डीपीसीसी द्वारा नोटिस जारी कर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने को भी चुनौती दी है। कहा, ये व्यापारी ऑटो पार्ट्स बेचते हैं। प्रदूषण से कोई वास्ता नहीं है। जुर्माना लगाने से पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस भी नहीं भेजा गया। बता दें कि सीपीसीबी ने 800 यूनिट संचालकों को शनिवार को नोटिस भेजकर जगह खाली करने व एनजीटी के निर्देश के तहत प्रदूषण फैलाने वाले काम को बंद करने को कहा था। शनिवार को टीम जब सीलिंग की कार्रवाई करने पहुंची तो वहां बवाल हो गया था। सड़क पर उतरे व्यापारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच जमकर टकराव हुआ था। इसमें एसडीएम सहित सीलिंग दस्ते के 14 सदस्य जख्मी हो गए थे।


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