दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मांग, राजीव गांधी से वापस लिया जाए भारत रत्न
सिरसा ने कहा कि नानावटी आयोग की रिपोर्ट में भी पूर्व प्रधानमंत्री को सिख विरोधी दंगे के लिए दोषी ठहराया गया है इसलिए उनसे भारत रत्न वापस ले लिया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर 1984 में सिखों का कत्लेआम हुआ था, इसलिए उन्हें दिया गया देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए।
कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत 31 अक्टूबर, 1984 को हुई थी। उनकी मौत वाले दिन और उसके एक दिन बाद भी कोई हिंसा नहीं हुई थी। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके इशारे पर सज्जन कुमार, एचकेएल भगत, जगदीश टाइटलर, कमलनाथ जैसे कांग्रेस नेताओं ने सिखों को निशाना बनाया।
सिरसा ने कहा कि नानावटी आयोग की रिपोर्ट में भी पूर्व प्रधानमंत्री को सिख विरोधी दंगे के लिए दोषी ठहराया गया है, इसलिए उनसे भारत रत्न वापस ले लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए पुलिस व न्यायपालिका को धमकी भी दी थी।
आरोपितों को वर्षों तक कांग्रेस की सरकारें बचाती रही हैं। अब निष्पक्ष जांच शुरू हुई है और सिखों के कत्लेआम के दोषियों को सजा हो रही है। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की वजह से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि सिख विरोधी दंगे के आरोपित कमलनाथ को राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है। उनके खिलाफ शिकायत दी गई है। उन्हें उम्मीद है कि विशेष जांच दल की जांच के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी जेल जाना पड़ेगा।
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