बवाना मर्डर: सुनीत ने तलाक से किया था इनकार, एक डायरी ने खोल दी मंजीत की साजिश
मंजीत अपनी पत्नी को बार-बार मर जाने के लिए कहता था। घटना से कुछ दिन पूर्व जब मंजीत ने पत्नी पर तलाक के लिए दबाव बनाया तो सुनीता ने साफ इनकार कर दिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। बवाना इलाके में महिला शिक्षक सुनीता की हत्या के मामले की जांच आगे बढ़ने पर अब नए तथ्य सामने आए हैं। मंजीत पत्नी की हत्या की साजिश छह माह पहले से ही रच रहा था। मामले में पुलिस रिमांड पर चल रहे सुनीता के पति मंजीत व उसकी मॉडल प्रेमिका एंजेल गुप्ता के मुंह बोले पिता राजीव गुप्ता से पूछताछ में यह बात सामने आई है।
मंजीत सुनीता से तलाक लेना चाहता था। इसके लिए वह उन पर लगातार दबाव भी बना रहा था, लेकिन बच्चों के भविष्य व परिवार की इज्जत को लेकर सुनीता इसके लिए तैयार नहीं हो रही थीं। मंजीत के माता-पिता भी इसके लिए तैयार नहीं हो रहे थे। यही कारण था कि मंजीत ने प्रेमिका एंजेल से शादी करने के लिए सुनीता को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
मंजीत अपनी पत्नी को बार-बार मर जाने के लिए कहता था। घटना से कुछ दिन पूर्व जब मंजीत ने पत्नी पर तलाक के लिए दबाव बनाया तो सुनीता ने साफ इनकार कर दिया। इस पर उसने उन्हें जान से मार देने की बात कही थी। सुनीता की डायरी में भी तलाक व जान से मारने की बात लिखी है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार पूछताछ में मंजीत ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है। मंजीत ने छह माह पूर्व एंजेल से पत्नी को रास्ते से हटाने का जिक्र किया था। एंजेल ने मंजीत के इरादे की जानकारी राजीव गुप्ता को दी तो वह इस योजना में शामिल हो गया।
राजीव ने मेरठ निवासी अपने चालक दीपक को भाड़े पर हत्या करने वालों का इंतजाम करने को कहा था, लेकिन हत्यारों को खोजने में दीपक को वक्त लग गया। जब अक्टूबर में एक जानकार के माध्यम से मेरठ के दो अपराधियों से उसका संपर्क हुआ तो उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया।
मिस्ड कॉल के जरिये हत्यारे को दिया संदेश
29 अक्टूबर की सुबह जब सुनीता स्कूटी से स्कूल जाने के लिए निकलीं तो मंजीत से घटनास्थल के आसपास मौजूद दीपक को मिस्ड कॉल देकर इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद दीपक ने पहले से घात लगाए दोनों हमलावरों के मोबाइल फोन पर मिस्ड कॉल देकर उन्हें सूचित किया कि शिकार मौके पर पहुंचने वाला है। ऐसे में हमलावरों को जैसे ही दीपक का मिस्ड कॉल मिला, वे वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार हो गए और सुनीता के पहुंचते ही गोली मार दी।
जांच में पता चला है कि हमलावर वारदात को अंजाम देने से पूर्व आरकेपुरम में राजीव गुप्ता से मिले थे और उससे पेशगी के तौर पर ढाई लाख रुपये लेकर मौके पर पहुंचे थे। उनके बीच 10 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। ऐसे में शेष रकम की अदायगी एक हफ्ते में देने की बात हुई थी।
कई मामलों में आरोपी रहा है मंजीत
रोहिणी जिले के डीसीपी रजनीश गुप्ता के मुताबिक मंजीत के खिलाफ अलीपुर, प्रशांत विहार व मंगोलपुरी थानों में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। तीनों मामले वर्ष 2002 से लेकर 2016 के बीच दर्ज किए गए थे। इनमें धोखाधड़ी, मानव व्यापार, दंगा फसाद करने एवं धमकी देने के मामले हैं।
डायरी से सुलझी गुत्थी
वारदात के दिन मंजीत अपने घर में ही था। उसे सुनीता के स्कूल से फोन आया कि वे अब तक नहीं पहुंची हैं। इस पर मंजीत ने बताया कि वे पहुंच जाएंगी। इसके कुछ ही देर बाद पुलिस ने उसे फोन कर बताया कि सुनीता के साथ हादसा हो गया तो वह अस्पताल पहुंचकर दहाड़े मारकर रोने का नाटक करने लगा था, लेकिन जब पुलिस ने उसके घर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की तो सुनीता की डायरी हाथ लग गई। इस डायरी के बारे में जानकारी सिर्फ सुनीता की बेटी को ही थी। इसके बाद पुलिस पूरी गुत्थी को सुलझाने में कामयाब रही।