Move to Jagran APP

Ayodhya: प्रभु राम के जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए अर्पण की बारी आई तो एकाकार हुआ देश

पांच सौ साल के संघर्ष के बाद प्रभु राम के जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए अर्पण की बारी आई तो देश के लोग उमड़ पड़े। राष्ट्र सभी भेदों और विविधताओं से ऊपर उठकर एकाकार दिखा। 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चला निधि समर्पण अभियान संपन्न हो गया।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 03:49 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 03:49 PM (IST)
Ayodhya: प्रभु राम के जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए अर्पण की बारी आई तो एकाकार हुआ देश
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की अगुआई में चला निधि समर्पण अभियान शनिवार को संपन्न हो गया।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। पांच सौ साल के संघर्ष के बाद प्रभु राम के जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए अर्पण की बारी आई तो देश के लोग उमड़ पड़े। राष्ट्र सभी भेदों और विविधताओं से ऊपर उठकर एकाकार दिखा। 15 जनवरी से 27 फरवरी तक विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की अगुआई में चला निधि समर्पण अभियान शनिवार को संपन्न हो गया। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक देश एकसूत्र में नजर आया।

loksabha election banner

पिछले वर्ष पांच अगस्त को राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबके राम, सब में राम' का सूत्र दिया। उन्होंने इसे राष्ट्र मंदिर बताया था। तब देश की सियासत में कई सवाल भी खड़े कर दिए गए थे। बात देश की एकता और विविधता तक पहुंची थी, लेकिन अभियान की पूर्णता ने इसका जवाब दे दिया है। बिना रुके, बिना थके, मकर संक्रांति से शुरू होकर 44 दिन तक चली देशव्यापी मुहिम भारत की एकता, विविधता और सामाजिक समरसता के नए पैमाने गढ़ गई है।

किसान, मजदूर, आदिवासी, नौकरीपेशा और व्यवसायी सब राम नाम में रमे नजर आए। हर किसी ने भक्तिभाव से अपनी जमापूंजी में से अधिक से अधिक अर्पण किया। अर्पण के लिए 10, 100 और 1000 रुपये का कूपन तथा उससे अधिक की राशि के लिए रसीद दी जा रही थी।राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद के अर्पण से आरंभ हुआ महाभियान तकरीबन पांच लाख गांवों तक पहुंचा। विहिप का देश के 13 करोड़ परिवार के 65 करोड़ से अधिक रामभक्तों तक पहुंचने का लक्ष्य था, इसे पूरा करने में संघ परिवार के 40 लाख से अधिक स्वयंसेवक निष्ठाभाव से जुटे रहे।

विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हमने जितनी कल्पना नहीं की थी, उससे कहीं अधिक लोगों में उत्साह था। यह हिंदू समाज की एकात्मकता बढ़ाने वाला अभियान था। हमारा लक्ष्य देश के अधिकांश भागों और घरों तक जाने का था और हम इसमें सफल हुए हैं। उन्होंने बताया कि आंकड़े इकट्ठा करने में कुछ वक्त लगेगा, लेकिन राममय भारत की साकार तस्वीर सबके सामने हैं।

पंजाब व हिमाचल प्रदेश में कुछ दिन और चलेगा अभियानपंजाब में निकाय चुनाव तथा जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के कारण अभियान प्रभावित हुआ। इसलिए इन राज्यों में अभियान कुछ और दिन चलेगा। आलोक कुमार ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश संगठन के अनुरोध के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.