हैरानी : जानिए किस टेस्ट में फेल हो गए दिल्ली के 90 फीसद लोग
पहले दिन जब सीसीटीवी कैमरे ने ड्राइविंग टेस्ट लिया तो 90 फीसद आवेदक फेल हो गए। खासकर कार ड्राइविंग में।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। देश की राजधानी दिल्ली में हर वर्ष बढ़ रही सड़क दुघर्टनाओं पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने स्वाचालित (ऑटोमेटेड) ड्राइविंग टेस्ट सेंटर (एडीटीसी) शुरू किए हैं। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि मयूर विहार फेज-1 में बुधवार को जिस एडीटीसी सेंटर का परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने उद्घाटन किया, उस सेंटर में पहले दिन जब सीसीटीवी कैमरे ने ड्राइविंग टेस्ट लिया तो 90 फीसद आवेदक फेल हो गए। खासकर कार ड्राइविंग में।
वहीं जब अधिकारी टेस्ट लिया करते थे तो 90 फीसद लोग ड्राइविंग टेस्ट पास कर लिया करते थे। इससे यह बात तो साबित हो गई है कि गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस चाहिए तो पहले गाड़ी चलानी अच्छे से सीखनी पड़ेगी, नहीं तो लाइसेंस नहीं मिल पाएगा। एडीटीसी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया है, क्योंकि जब कैमरा 90 फीसद आवेदकों को फैल कर रहा है तो फिर अधिकारी किस तरह से टेस्ट में पास कर दिया करते थे।
75 आवेदक में 60 फेल
यह सेंटर शुरू होने से निश्चित रूप से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। सेंटर के एक अधिकारी ने बताया कार टेस्ट ड्राइविंग के लिए पहले दिन 75 आवेदक आए, इसमें से 60 फेल हो गए। वहीं दो पहिया वालों के फेल होने का आंकड़ा कम था।
पांच मिनट में पूरा करना है टेस्ट
सेंटर में एक आवेदक के ड्राइविंग टेस्ट के लिए पांच मिनट का समय निर्धारित किया गया है। अभी शुरुआत होने के कारण सात मिनट तक का समय दिया जा रहा है। सेंटर के मुख्य गेट से एक-एक वाहन को अंदर भेजा जा रहा है, यहां आवेदक को एक कार्ड दिया जाएगा, अगर कोई कार की ड्राइविंग का टेस्ट देने आया है तो उस कार्ड को ड्राइविंग सीट के आगे डेश बोर्ड पर रखना होगा। ताकि टेस्ट ट्रैक के खंभे पर लगा सेंसर उस कार्ड को ऑटोमेटिक स्कैन कर सके, स्कैन होते ही बैरियर उठ जाएगा।
20 चरणों में होगा टेस्ट
आवेदक को सबसे पहले गाड़ी रिवर्स का टेस्ट देना होगा, इसके लिए 115 सेकेंड का समय रखा गया है। यहां यह बात ध्यान रखनी होगी, टेस्ट के लिए 20 चरण बनाएं गए हैं। हर चरण को पार करने पर पास फेल का परिणाम तुरंत स्क्रीन पर आ जाएगा। अगर कोई चरण छूट जाता है या गाड़ी ट्रैक के साथ बनी बाउंडरी पर टच होगी तो सीसीटीवी कैमरे की स्क्रीन तुरंत बता देगी की फेल या पास। अगले ट्रैक का बैरियर नहीं खुलेगा वही बाहर से एग्जिट करवा दिया जाएगा।
आठ के चक्कर में घूमेंगे
अगर यह टेस्ट पास कर लिया तो अगला टेस्ट होगा 8 का (8 संख्या के जैसे बना ट्रैक), यानी के गाड़ी को गोल घुमाना होगा। इसके बाद ओवर टेकिंग का टेस्ट फिर गाड़ी को निधारित जगह पर खड़ी करने का टेस्ट। अंत में गाड़ी को एक ऊंचाई वाली जगह चढ़ाना होगा, जहां ठहरना लिखा होगा। यह ट्रैक पार करते ही अंतिम परिणाम बताया जाएगा।
वीडियो को ध्यान से देखना होगा
सेंटर में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, यहां पर दो स्क्रीन लगाई गई है। एक स्क्रीन पर वीडियों चलती रहेगी जिसमें यह दिखाया जाएगा किस तरह ट्रैक पर गाड़ी चलानी है। नियम क्या है, कितना समय है। वीडियों को ध्यान से न देखने वाले लोग भी फेल हो रहे हैं, क्योंकि वह किसी प्वाइंट को छोड़ देते हैं तो कैमरा फेल दिखा देता है। टेस्ट देने वाले आवेदक घबरा रहे हैं, निजी कंपनी के अधिकारी ने बताया टेस्ट कोई मुश्किल नहीं है। लेकिन लाइसेंस उसी को मिलेगा जिसे ठीक से गाड़ी चलानी आती होगी। आवेदक ट्रैक पर किस जगह है, कैसी गाड़ी चला रहा है। यह दूसरी स्क्रीन पर देखने को मिलेगा।
लर्निंग बनने पर टेस्ट देने के तीन मौके मिलेंगे
लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है, फॉर्म जमा होने पर लर्निंग का टेस्ट देना होगा। लर्निंग तीन माह तक वैध रहती है, इस अंतराल में आवेदक को गाड़ी चलाने का टेस्ट देना होगा। अगर कोई आवेदक एडीटीसी में फेल हो जाता है तो वह एक सप्ताह बाद दोबारा टेस्ट के लिए आवेदन करेगा। फेले होने पर दो मौके मिलेंगे।