Move to Jagran APP

दिल्ली नगर चुनाव 2022 : फिलहाल भाजपा खामोश तो आम आमदी पार्टी में बढ़ा उत्साह

Delhi Municipal Elections 2022 चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव नतीजों से प्रमुख विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के पार्षदों में जोश है और सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षद खामोश हैं। यही वजह है कि इन नतीजों के बाद से सत्तारूढ़ दल के पार्षदों ने क्षेत्र में सक्रियता और बढ़ा दी है।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 10:46 AM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 02:46 PM (IST)
दिल्ली नगर चुनाव 2022 : फिलहाल भाजपा खामोश तो आम आमदी पार्टी में बढ़ा उत्साह

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में भले ही भाजपा अपना महापौर बनाने में कामयाब रही हो, लेकिन दिल्ली में इसको लेकर सियासत का मिजाज बदल गया है। वहां के चुनाव नतीजों से प्रमुख विपक्षी दल आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद काफी जोश में हैं और सत्तारूढ़ भाजपा के पार्षद खामोश हैं। यही वजह है कि इन नतीजों के बाद से सत्तारूढ़ दल के पार्षदों ने क्षेत्र में सक्रियता और बढ़ा दी है। कोरोना में लोगों की मदद के लिए कोविड केयर किट के वितरण के साथ ही जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाया जा रहा है। बीते वर्ष भी भाजपा पार्षदों ने मदद में कसर नहीं छोड़ी थी, लेकिन अब तीन माह में निगम के चुनाव होने वाले हैं तो वे अपनी जनसेवा की दुहाई भी देने लगे हैं। भाजपा पार्षदों की कोशिश है कि तीन बार से लगातार जो सत्ता पार्टी को मिली है उसे चौथी बार भी बरकरार रखा जाए।

loksabha election banner

कोरोना नहीं देखता बहाना

जब भी कर्फ्यू लगता है तो उसे तोड़ने वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा हो जाती है। खाली सड़कों को देखकर कई लोग बिना वजह से सड़क पर गाडि़यां लेकर निकल पड़ते हैं। ऐसे में जब पुलिस उन्हें जांच के लिए रोकती है तो लोग चालान से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने भी बनाते नजर आते हैं। कई बार ये लोग बहाने बनाकर चालान से बचने में कामयाब भी हो जाते हैं, लेकिन गौर करने की बात है कि पुलिस के सामने तो उनकी बहानेबाजी चल जाती है, लेकिन कोरोना ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ता, जिससे लोग पकड़ में न आएं। हमें यह सोचना होगा कि प्रशासन जो सख्त कदम उठा रहा है वह हमारी भलाई के लिए ही है। मरीजों की संख्या न बढ़े, इसके लिए बाजारों में दुकानों को सीमित संख्या में खोला जा रहा। वीकेंड कर्फ्यू भी कोरोना की चेन को तोड़ने की ही कोशिश है।

गुप्त आदेश भी हुआ लीक

प्रशासन में बहुत से ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें गुप्त रखा जाता है, लेकिन निगमों में तो अक्सर गुप्त आदेश भी लीक हो जाते हैं। अधिकारियों और कर्मियों की राजनीति का नुकसान अक्सर प्रशासन को ही उठाना पड़ता है। ऐसा ही कुछ तब हुआ जब सात जनवरी को दक्षिणी निगम के दक्षिणी जोन की ओर से सीबीआइ के आठ से दस जनवरी तक चलने वाले गुप्त मिशन के लिए दो शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन आदेश जारी होने के कुछ समय बाद ही निगम कर्मियों के वाट्सएप ग्रुप पर यह आदेश प्रसारित होने लगा। शिक्षक यूनियन के नेता कुलदीप खत्री ने तो इसे शिक्षकों का सम्मान भी करार दे दिया। उनका कहना था कि अब तक शिक्षकों की कोरोना में ड्यूटी लगाई जा रही थी। सीबीआइ के गुप्त मिशन से असली सम्मान अब मिला है। हैरानी तो जब हुई तब यह इंटरनेट मीडिया पर भी प्रसारित होने लगा।

बिना झगड़े की बैठक

निगम की बैठकों में अक्सर पक्ष-विपक्ष में चर्चा के दौरान माहौल इतना गर्म हो जाता है कि बात झगड़े तक जा पहुंचती है। इस वाद-विवाद में दोनों ही पक्ष अपने आप को सही ठहराते नजर आते हैं, लेकिन पिछली बैठक में ऐसा नहीं हुआ। इसमें पक्ष-विपक्ष के सदस्य मुस्कराते हुए एक दूसरे का हाल-चाल जानते नजर आए। दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वर्चुअल बैठक बुलाई गई थी। यह पहला मौका था जब निगम में वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में सभी ने एक दूसरे को नववर्ष की बधाई दी और कोरोना से बचने की सलाह भी। बैठक में बजट से संबंधित कार्रवाई को पूरा कर स्थगित कर दिया गया तो आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद अजय शर्मा ने याद दिला दिया कि यह पहली बैठक है जो बिना झगड़े के खत्म हो रही है। इस पर सभी मुस्कराने लगे और कहने लगे कि आगे भी ऐसा हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.