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केजरीवाल के बाहर आते ही AAP को मिली 'संजीवनी', अब लोकसभा चुनाव होगा जोरदार; कार्यकर्ताओं में भरी ऊर्जा

आम आदमी पार्टी ने ‘जेल का जवाब वोट’ से अभियान शुरू किया था। इस अभियान के माध्यम से पार्टी केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करने के साथ ही जनता की सहानुभूति लेने का प्रयास कर रही है। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल रोड शो कर कार्यकर्ताओं व समर्थकों में उत्साह भरने में लगी हुई हैं। अब केजरीवाल की रिहाई के बाद पार्टी अपने चुनाव प्रचार अभियान को धार देगी।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 10 May 2024 08:59 PM (IST)
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केजरीवाल के बाहर आते ही AAP को मिली 'संजीवनी'
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव प्रचार के बीच सुप्रीम कोर्ट से आप संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलना पार्टी के लिए संजीवनी की तरह है। चुनाव की घोषणा के बाद हुई उनकी गिरफ्तारी से पार्टी मुश्किल में फंस गई थी। कार्यकर्ता निराश थे और पार्टी का चेहरा व मुख्य रणनीतिकार के जेल में होने के कारण चुनाव की तैयारी पर भी असर पड़ा था। अब उनके बाहर आने से तेवर बदलेंगे। पार्टी आक्रामक होकर चुनाव प्रचार को धार देगी।

आइएनडीआई गठबंधन के नेता भी केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत से चुनावी लाभ की आस लगा रहे हैं। आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के बाद से पार्टी में मायूसी का माहौल था। पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती चुनाव प्रबंधन को लेकर थी, क्योंकि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और सांसद संजय सिंह पहले से जेल में थे।

संजय सिंह को जमानत मिलने से पार्टी को कुछ राहत मिली थी, लेकिन केजरीवाल के न रहने का असर चुनाव प्रचार पर स्पष्ट दिख रहा था। पार्टी ने आठ मार्च को ‘संसद में भी केजरीवाल’ नाम से अपना प्रचार अभियान शुरू किया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही वह गिरफ्तार हो गए, जिससे पूरी रणनीति ध्वस्त हो गई थी। पार्टी को अपना चुनाव प्रचार अभियान बदलना पड़ा।

चुनाव प्रचार अभियान को आक्रामक बनाएगी पार्टी

आठ अप्रैल को पार्टी ने ‘जेल का जवाब वोट’ से अभियान शुरू किया। इस अभियान के माध्यम से पार्टी केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करने के साथ ही जनता की सहानुभूति लेने का प्रयास कर रही है। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल रोड शो कर कार्यकर्ताओं व समर्थकों में उत्साह भरने में लगी हुई हैं। अब केजरीवाल की रिहाई के बाद पार्टी अपने चुनाव प्रचार अभियान में फिर से बदलाव कर इसे आक्रामक बना सकती है।

पार्टी में जश्न का माहौल

केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने से कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार हुआ है। इसकी झलक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के साथ ही दिखने लगी। पार्टी कार्यालय में जश्न मनने लगा। अधिकांश बड़े नेता कार्यालय पहुंच गए, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया। पार्टी ने शुक्रवार को होने वाले अपने सभी चुनावी कार्यक्रम निरस्त कर दिए।

देश में 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है आप

दिल्ली में चार, पंजाब में 13, हरियाणा में एक और गुजरात व असम में 2 -2 सीटों पर आप चुनाव लड़ रही है। असम और गुजरात में आप प्रत्याशियों की सीट पर मतदान हो गया है। जेल में होने के कारण केजरीवाल इन सीटों पर अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर सके। अब दिल्ली, पंजाब व हरियाणा की 30 संसदीय सीटों पर वह प्रचार कर सकेंगे। इनमें से 18 सीटों पर आप के प्रत्याशी चुनावी समर में हैं।

कांग्रेस के उम्मीदवारों को भी मिलेगा लाभ

दिल्ली में आप व कांग्रेस के बीच गठबंधन होने के बाद भी दोनों ही पार्टियों में तालमेल नहीं दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों से कई चुनावी सभाओं में दोनों पार्टियों के कुछ नेता साथ नजर आने लगे हैं, लेकिन अब भी सामंजस्य का अभाव है। केजरीवाल की उपस्थिति से इस स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

आइएनडीआइए के घटक दलों को भी उम्मीद

केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने से आइएनडीआइ गठबंधन के नेता भी खुश हैं। वह इससे चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद जता रहे हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वह केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने से खुश हैं। यह वर्तमान चुनाव के लिए लाभदायक साबित होगा।

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