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केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के आरोपों को अरविंद केजरीवाल ने किया खारिज, कही ये बात

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर मंगलवार को केंद्रीय आवास और शहरी कार्य राज्यमंत्री हरदीप पुरी की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब दिया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 02:25 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 07:23 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के आरोपों को अरविंद केजरीवाल ने किया खारिज, कही ये बात
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के आरोपों को अरविंद केजरीवाल ने किया खारिज, कही ये बात

नई दिल्ली, जेएनएन।  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर मंगलवार को केंद्रीय आवास और शहरी कार्य राज्यमंत्री हरदीप पुरी की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में केजरीवाल ने कहा कि वह अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन में बदलाव चाहते हैं। अनधिकृत कॉलोनियों में सुधार के लिए जो भी बन सकेगा करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर मांगी गई जानकारी विस्तार के साथ भेज दी है। ताकि जल्दी जल्दी इन अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का किया जा सके।

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केजरीवाल ने कहा कि इन कॉलोनियों को लेकर हमने 12 नवम्बर 2015 को कैबिनेट से मंजूरी देकर प्रस्ताव भेजा था। इन कॉलोनियों को तीन श्रेणी में बांटा गया है। प्राइवेट जमीन पर बसीं कॉलोनियों के निवासियों पर केवल जुर्माना लगेगा। जितनी भी अनधिकृत कॉलोनियां हैं उन पर पहले की खरीद फरोख्त पर स्टाम्प ड्यूटी नही ली जाएगी। सेक्शन 81 के सभी केस वापस ले लिए जाएंगे। हमें केंद्र की सभी शर्तें मंजूर हैं। हमने 12 सुझाव केंद्र को भेजे हैं। अब यह केंद्र पर निर्भर करता है उसे माने या न माने। हमने केंद्र से कहा है कि उन्हें जो ठीक लगे वे हमारे सुझाव माने। मगर इन कॉलोनियों को जल्दी पास कर दें।

दरअसल केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन  (डीएमआरसी) बोर्ड में गैर सरकारी सदस्य के रूप में आप नेताओं को नामित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि मेट्रो बोर्ड में किसी भी गैर सरकारी व्यक्ति की नियुक्ति संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सुझाव पर ही केंद्र की अटल सरकार ने तय किया था कि डीएमआरसी बोर्ड में गैर सरकारी सदस्य नौकरशाही से होंगे।

हालांकि कांग्रेस नेता अजय माकन और आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने पुरी के इस दावे का विरोध किया है। मंगलवार को निर्माण भवन में प्रेस वार्ता के दौरान पुरी ने कहा कि 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा मदनलाल खुराना की नियुक्ति पर आपत्ति जताए जाने के बाद भाजपा सांसद खुराना ने डीएमआरसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

पुरी ने कहा कि मंत्रलय में सेवारत सचिव द्वारा डीएमआरसी बोर्ड को बड़ी सक्षमता से संभाला जाता है। उस बोर्ड में गैर-आधिकारिक लोगों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा कि अब हमारे पास अलग स्थिति है जहां मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल एक सांसद के नाम का सुझाव नहीं दे रहे हैं बल्कि वह ऐसे दो लोगों के नाम सुझा रहे हैं जो सांसद का चुनाव हार गए हैं।

गौरतलब है मेट्रो बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों के लिए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने राघव चड्ढा, आतिशी, दिल्ली संवाद और विकास आयोग (डीडीसी) के उपाध्यक्ष जैस्मिन शाह और आप के राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन गुप्ता को नामित किया है।

पुरी के दावे को माकन ने भी किया खारिज

पुरी के दावे को खारिज करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने ट्वीट किया, खुराना जी ने 24 दिसंबर 2003 को लोकसभा और डीएमआरसी के अध्यक्ष पद से इसलिए इस्तीफा दिया था क्योंकि उन्हें राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था। शीला जी के विपक्षी नेताओं के साथ बेहतरीन संबंध थे।

अनधिकृत कॉलोनियों पर भी साधा था निशाना

हरदीप पुरी ने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के मुद्दे पर दिल्ली के अरविंद केजरीवाल पर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि केजरीवाल ने हमेशा ही इन कॉलोनियों को नियमित करने का काम लटकाने की कोशिश की है। अब भी वे इन कॉलोनियों की मैपिंग वगैरह कराने के लिए 2021 तक का समय मांग रहे थे।

पुरी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि वह किसी मसले पर ‘स्टैंड’ नहीं लेते हैं और अपनी बात से पलटने की उनकी आदत है। जब केंद्र सरकार की ओर से उन्हें अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का कैबिनेट एक स्टेक होल्डर के तौर पर भेजा गया तो अपनी इसी आदत के चलते उन्होंने इसका श्रेय लेना शुरू कर दिया।

मंगलवार को निर्माण भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुरी ने बताया कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने के बाद केंद्र सरकार 1,797 कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में काम कर रही है। एक महीने के भीतर केंद्र सरकार की ओर से इन कॉलोनियों को नियमित करने का आदेश पास किया जा सकता है। इससे करीब 60 लाख की आबादी को सीधा फायदा होगा।

पुरी ने बताया कि एक सप्ताह से दस दिन में कैबिनेट नोट पर स्टेक होल्डरों की आपत्तियां-सुझाव आ जाएंगे। इसके बाद इन कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में ले आया जाएगा। इसके बाद कॉलोनियों को नियमित करने से संबंधित सभी एजेंसियों (नगर निगम, दिल्ली सरकार और डीडीए) के साथ बैठक की जाएगी, ताकि कॉलोनियों के नियमितीकरण का रोडमैप तैयार किया जा सके। दिल्ली में सरकारी व निजी जमीन पर बसी सभी 1,797 कॉलोनियां नियमित होंगी। इसके लिए पहले कट ऑफ डेट 2008 थी जिसे संशोधित कर अब एक जनवरी 2015 तय की गई है।


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